ग्राहकों से फीडबैक ले रहा एसबीआई
एसबीआई के प्रबंध निदेशक (राष्ट्रीय बैंकिंग समूह) रजनीश कुमार ने मामले में कहा है कि हमारे अधिकारियों द्वारा ग्राहकों से फीडबैक लेकर न्यूनतम बैलेंस की समीक्षा की जा रही है। बैंक इस फीडबैक के आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम इस पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या वरिष्ठ नागरिकों और छात्रों जैसे उपभोक्ताओं को इस शुल्क में कुछ छूट मिलनी चाहिए या नहीं। उन्होंने कहा कि ये शुल्क कभी भी पत्थर की लकीर नहीं होते हैं।
एसबीआई के प्रबंध निदेशक (राष्ट्रीय बैंकिंग समूह) रजनीश कुमार ने मामले में कहा है कि हमारे अधिकारियों द्वारा ग्राहकों से फीडबैक लेकर न्यूनतम बैलेंस की समीक्षा की जा रही है। बैंक इस फीडबैक के आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम इस पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या वरिष्ठ नागरिकों और छात्रों जैसे उपभोक्ताओं को इस शुल्क में कुछ छूट मिलनी चाहिए या नहीं। उन्होंने कहा कि ये शुल्क कभी भी पत्थर की लकीर नहीं होते हैं।
अब तक ये थे एसबीआई के नियम?
एसबीआई ने पांच साल बाद अप्रैल में न्यूनतम बैलेंस की सीमा तय की थी. नियमों के मुताबिक शहरी इलाकों में मासिक औसत 500 रुपये तय किया गया था। शहरी इलाकों में न्यूनतम बैलेंस से कम राशि होने पर ग्राहकों को 100 रुपये का शुक्ल और जीएसटी देना पड़ता है। वहीं ग्रामीण इलाकों में 1000 मासिक औसत बैलेंस तय किया गया है। इससे कम राशि होने पर 20 से 50 रुपये और जीएसटी देना पड़ता है।
एसबीआई ने पांच साल बाद अप्रैल में न्यूनतम बैलेंस की सीमा तय की थी. नियमों के मुताबिक शहरी इलाकों में मासिक औसत 500 रुपये तय किया गया था। शहरी इलाकों में न्यूनतम बैलेंस से कम राशि होने पर ग्राहकों को 100 रुपये का शुक्ल और जीएसटी देना पड़ता है। वहीं ग्रामीण इलाकों में 1000 मासिक औसत बैलेंस तय किया गया है। इससे कम राशि होने पर 20 से 50 रुपये और जीएसटी देना पड़ता है।
एसबीआई ने न्यूनतम बैलेंस शुल्क से कमाए 235.06 करोड़
एसबीआई ने न्यूनतम बैलेंस शुल्क के जरिए कमाए रुपयों का आंकड़ा जानकर आप हैरान रह जाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक एसबीआई ने साल की पहली तिमाही में ही न्यूनतम बैलेंस शुल्क से 235.06 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल लिया। ये जुर्माना 388.74 लाख खातों से वसूला गया है। ये जानकारी मध्य प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर की आरटीआई में मिली थी। हालांकि ये आंकड़ा सामने आने के बाद एसबीआई और सरकार की जमकर आलोचना हुआ थी। विपक्षी दलों ने इस नियमों को गरीबों के खिलाफ बताया था।
एसबीआई ने न्यूनतम बैलेंस शुल्क के जरिए कमाए रुपयों का आंकड़ा जानकर आप हैरान रह जाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक एसबीआई ने साल की पहली तिमाही में ही न्यूनतम बैलेंस शुल्क से 235.06 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल लिया। ये जुर्माना 388.74 लाख खातों से वसूला गया है। ये जानकारी मध्य प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर की आरटीआई में मिली थी। हालांकि ये आंकड़ा सामने आने के बाद एसबीआई और सरकार की जमकर आलोचना हुआ थी। विपक्षी दलों ने इस नियमों को गरीबों के खिलाफ बताया था।