शिवसेना की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वरिष्ठ जनों की देखरेख में महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट हो। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि फ्लोर टेस्ट की वीडियोग्राफी भी कराई जाए।
कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे पास 154 विधायकों के समर्थन का हलफनामा है। अगर बीजेपी के पास बहुमत है तो फ्लोर टेस्ट से क्यों डर रही है। सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना का पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने हॉर्स ट्रेडिंग पर जवाब देते हुए कहा कि अस्तबल से सिर्फ घुड़सवार ही भागा है। घोड़े वहीं के वहीं हैं।
इससे पहले सॉलीसिटर जनरल ने तीन जजों की पीठ को बताया कि विधानसभा में बहुमत की संख्या मिलने के बाद ही राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन हटाया था। बता दें कि इससे पहले एसजी ने राज्यपाल की चिट्ठी शीर्ष अदालत को दी थी। अदालत में सौंपी गई राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की चिट्ठी मराठी भाषा में है।
तुषार मेहता ने राज्यपाल की चिट्ठी पढ़ते हुए कहा कि उन्होंने बीजेपी को एनसीपी से समर्थन पत्र मिलने के बाद सरकार बनाने के लिए देवेंद्र फडणवीस को बुलाया था। एनसीपी की ओर से समर्थन पत्र मिलने के बाद राज्यपाल ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाया था। राज्यपाल ने माना फडणवीस के पास 170 विधायक थे।
सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि अजित पवार ने जो चिट्ठी राज्यपाल को दिखाई थी, उसमें एनसीपी के सभी 54 विधायकों के हस्ताक्षर थे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि विपक्ष की ओर से अभी तक सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया गया। हमारे पास राज्यपाल के आदेश की कॉपी हैं। तुषार मेहता ने गवर्नर के सचिव की चिट्ठी अदालत को सौंपी, जिसमें विधायकों के हस्ताक्षर हैं।
मुकुल रोहतगी : सरकार गठन का फैसला सही इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में मुकुल रोहतगी ने बीजेपी की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि आज राज्यपाल का बयान रखा जाएगा। देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार के पास जो विधायकों का समर्थन पत्र था उसे मैंने देखा है। राज्यपाल की ओर से सरकार बनाने का जो न्योता दिया गया वो सही है।