याची की अपील पर सुनाया फैसला
सर्वोच्च अदालत ने पंजाब के एक ऐसे ही मामले में यह आदेश दिया है। इस मामले में याचिकाकर्ता ऊषा देवी की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि इस तरह का नियम दिल्ली MACT एक्ट में है। लेकिन बाकी राज्यों में ये नियम नहीं है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान दुर्घटना के पीडि़त व्यक्ति को उठाना पड़ता है। यही कारण है कि बिना बीमा वाले वाहन से दुर्घटना होने पर पीड़ित या उसके परिवार को वित्तीय मदद नहीं मिल पाती है। ऐसे में ये नियम सभी राज्यों के लिए होने चाहिए। अदालत ने याची के इस अपील को गंभीरता से लेते हुए सभी राज्य सरकारों को इस पर 12 सप्ताह के अंदर अमल करने को कहा गया है।
सर्वोच्च अदालत ने पंजाब के एक ऐसे ही मामले में यह आदेश दिया है। इस मामले में याचिकाकर्ता ऊषा देवी की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि इस तरह का नियम दिल्ली MACT एक्ट में है। लेकिन बाकी राज्यों में ये नियम नहीं है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान दुर्घटना के पीडि़त व्यक्ति को उठाना पड़ता है। यही कारण है कि बिना बीमा वाले वाहन से दुर्घटना होने पर पीड़ित या उसके परिवार को वित्तीय मदद नहीं मिल पाती है। ऐसे में ये नियम सभी राज्यों के लिए होने चाहिए। अदालत ने याची के इस अपील को गंभीरता से लेते हुए सभी राज्य सरकारों को इस पर 12 सप्ताह के अंदर अमल करने को कहा गया है।
इंश्योरेंस कंपनी को लगी फटकार
इस मामले में कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी को फटकार लगते हुए कहा सड़क दुर्घटना में लोग मर रहे है। एक लाख से ज्यादा मौत हर साल सड़क दुर्घटना में होती हैं। हर तीन मिनट में एक सड़क दुर्घटना होती है। आप कह रहे हैं कि उन्हें मरने दिया जाए। भारत की जनता मर रही है। उनके लिए कुछ करिए। उनके पास पैसे नहीं होते और आप आठ महीने का समय मांग रहे हैं। किसी भी कीमत पर आपको आठ महीने का समय नहीं दिया जा सकता।
इस मामले में कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी को फटकार लगते हुए कहा सड़क दुर्घटना में लोग मर रहे है। एक लाख से ज्यादा मौत हर साल सड़क दुर्घटना में होती हैं। हर तीन मिनट में एक सड़क दुर्घटना होती है। आप कह रहे हैं कि उन्हें मरने दिया जाए। भारत की जनता मर रही है। उनके लिए कुछ करिए। उनके पास पैसे नहीं होते और आप आठ महीने का समय मांग रहे हैं। किसी भी कीमत पर आपको आठ महीने का समय नहीं दिया जा सकता।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस
आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में आदेश दिया था कि नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य होगा। सुप्रीम कोर्ट ने एक सितंबर से नए चार पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराते समय तीन सालों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिर्वाय किया। दो पहिया वाहनों के लिए पांच साल तक के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिर्वाय किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान जा रही है और इन मामलों में पीडि़त व्यक्ति को न्याय नहीं मिल पाता है।
आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में आदेश दिया था कि नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य होगा। सुप्रीम कोर्ट ने एक सितंबर से नए चार पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराते समय तीन सालों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिर्वाय किया। दो पहिया वाहनों के लिए पांच साल तक के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिर्वाय किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान जा रही है और इन मामलों में पीडि़त व्यक्ति को न्याय नहीं मिल पाता है।