‘सांपो में जो जहर होता है, वो हमले से बचने के लिए होता है’
के.टी थॉमस ने ये बयान कोट्टयम में 31 दिसंबर को आयोजित संघ के एक ट्रेनिंग कैंप में दी गई अपनी एक स्पीच में दिया है। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के समय देश को आजाद कराने का सबसे बड़ा क्रेडिट मैं आरएसएस को देता हूं, संघ के स्वंयसेवकों को हमेशा ही देश की रक्षा करने के प्रति प्रेरित किया जाता है। उन्होंने हिंसक घटनाओं के पीछे आरएसएस पर लगने वाले आरोपों को लेकर कहा कि सांपो में जो जहर होता है वो हमले का सामना करने के लिए हथियार के तौर पर काम करता है। इसी तरह, मानव की शक्ति किसी पर हमला करने के लिए नहीं बनी है। शारीरिक शक्ति का मतलब हमलों से (खुद को) बचाने के लिए है, ऐसा बताने और विश्वास करने के लिए मैं आरएसएस की तारीफ करता हूं। मैं समझता हूं कि आरएसएस का शारीरिक प्रशिक्षण किसी हमले के समय देश और समाज की रक्षा के लिए है।”
के.टी थॉमस ने ये बयान कोट्टयम में 31 दिसंबर को आयोजित संघ के एक ट्रेनिंग कैंप में दी गई अपनी एक स्पीच में दिया है। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के समय देश को आजाद कराने का सबसे बड़ा क्रेडिट मैं आरएसएस को देता हूं, संघ के स्वंयसेवकों को हमेशा ही देश की रक्षा करने के प्रति प्रेरित किया जाता है। उन्होंने हिंसक घटनाओं के पीछे आरएसएस पर लगने वाले आरोपों को लेकर कहा कि सांपो में जो जहर होता है वो हमले का सामना करने के लिए हथियार के तौर पर काम करता है। इसी तरह, मानव की शक्ति किसी पर हमला करने के लिए नहीं बनी है। शारीरिक शक्ति का मतलब हमलों से (खुद को) बचाने के लिए है, ऐसा बताने और विश्वास करने के लिए मैं आरएसएस की तारीफ करता हूं। मैं समझता हूं कि आरएसएस का शारीरिक प्रशिक्षण किसी हमले के समय देश और समाज की रक्षा के लिए है।”
‘RSS ने आपातकाल के विरूद्ध काम किया’
अपनी स्पीच में आगे उन्होंने कहा कि अगर मुझ से पूछा जाएगा कि भारत में लोग सुरक्षित क्यों हैं, तो मैं कहूंगा कि देश में एक संविधान है, लोकतंत्र हैं, सशस्त्र बल हैं और चौथा आरएसएस है। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि आरएसएस ने आपातकाल के विरुद्ध काम किया। इमरजेंसी के खिलाफ आरएसएस की मजबूत और सु-संगठित कार्यों की भनक तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी लग गई थी।
अपनी स्पीच में आगे उन्होंने कहा कि अगर मुझ से पूछा जाएगा कि भारत में लोग सुरक्षित क्यों हैं, तो मैं कहूंगा कि देश में एक संविधान है, लोकतंत्र हैं, सशस्त्र बल हैं और चौथा आरएसएस है। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि आरएसएस ने आपातकाल के विरुद्ध काम किया। इमरजेंसी के खिलाफ आरएसएस की मजबूत और सु-संगठित कार्यों की भनक तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी लग गई थी।