नई दिल्ली। कर्नाटक में पश्चिमी घाट को जोड़ने वाले हुबली-अंकोला मेगा रेलवे लाइनपर सुप्रीम कोर्ट के एक पैनल ने रेड सिगनल लगा दिया है। पैनल ने कहा है कि इस परियोजना से पर्यावरण और पारिस्थितिक तंत्र पर असर पड़ेगा। पश्चिमी घाट को संयुक्त राष्ट्र की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।
उल्लेखनीय है कि रेल मंत्री सदानन्द गोडा जो कर्नाटक के भाजपा नेता भी हैं, ने हाल में दावा किया था कि वे इस मुद्दे पर पर्यावरण मंत्री के साथ सम्पर्क में हैं और इस साल के अंत तक इसे क्लीयर कर दिया जाएगा। 168 किमी लम्बे इस रेलवे लिंक की कल्पना 1998 में की गई थी। सुप्रीम कोर्ट की सेन्ट्रल इम्पावर्ड कमेटी ने इसी माह अपनी रिपोर्ट दे दी है। उधर, पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि यह मामला न्यायालय का है। कोंकण रेलवे पश्चिमी घाट में सहयाद्री पहाड़ों से होकर गुजरती है और यह मुम्बई और मेंगलूरू को जोड़ती है।
क्या है पश्चिमी घाटभारत के 1,600 किलोमीटर लंबे पश्चिमी घाट की पर्वतीय श्रृंखला के वन हिमालय पर्वत श्रृंखला के वनों से भी पुराने हैं। गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा से शुरू होने वाली पश्चिमी घाट श्रृंखला महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल से होकर गुजरती है और कन्याकुमारी में खत्म होती है। इस पर्वतीय श्रंखला को विश्व में जैव विविधता के आठ सर्वाधिक सम्पन्न में से एक माना जाता है। इस श्रृंखला के वन भारतीय मानसून मौसम स्थिति को प्रभावित करते हैं।