बड़ी खबरः निर्भया केस पर दिल्ली हाईकोर्ट में सॉलिसिटर जनरल को कहना पड़ा- पूरे देश की अपराधी खुशियां मना रहे हैं सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में डॉ. नंद किशोर गढ़ ने जनहित याचिका दायर की है। गढ़ के वकील शशांक देव सुधी ने मंगलवार को इस याचिका को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच के सामने पेश किया। जहां सुधी से इसकी तत्काल रजिस्ट्री करवाने के लिए कहा गया। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस याचिका की जानकारी मिलने के बाद इस पर सुनवाई के लिए हामी भरी।
सोमवार को दायर की गई इस याचिका में भारत सरकार समेत प्रतिवादियों के लिए दिशा-निर्देश मांगे गए हैं, ताकि सार्वजनिक स्थानों पर व्यवधान या बाधा डालने वाले विरोध या आंदोलन आयोजित करने पर सीधे प्रतिबंध के सिए व्यापक, विस्तृत और संपूर्ण दिशा-निर्देश निर्धारित करें।
याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से कालिंदी कुंज के पास शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों (Shaheen Bagh Protest) को हटाने के लिए केंद्र और अन्य लोगों को उचित दिशा-निर्देश देने की भी अपील की, जो दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाली आम और सार्वजनिक सड़क को रोककर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ “अवैध रूप से विरोध” कर रहे हैं।
शाहीन बाग की महिलाओं का ऐलान, संसद में बजट सत्र शुरू होते ही सुनी जाएगी हमारी बात, बहुत हुआ इंतजार गौरतलब है कि सीएए (CAA) कानून के तहत केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यकों हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी, व ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के प्रावधान वाला नागरिकता संशोधन कानून लागू किया है।
लोकसभा व राज्यसभा द्वारा सीएए को पारित किए जाने के बाद से ही दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। इस कानून का विरोध करने वाले लोग इसे असंवैधानिक और धार्मिक आधार पर भेदभाव करने वाला बता रहे हैं।