बता दें कि याचिकाकर्ता ने हाल ही में जम्मू कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले और 2016 में उड़ी में हुए हमले में कथित प्रशासनिक विफलता की न्यायिक जांच की भी मांग की थी। इन मांगों के अलावा याचिका में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर किसी भी तरह से हमला करने वालों पर सख्त कानूनी कदम उठाए जाने की मांग की गई थी।
एक अखबार के मुताबिक, इस याचिका में अपील की गई थी कि अगर कोई भारतीय नागरिक पाकिस्तानी आतंकियों की मदद करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए जाए। यही नहीं देश विरोधी गतिविधियों में सक्रिय तौर पर शामिल’ ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं के खिलाफ जो भी कदम उठाए गए हैं उनकी भी जानकारी ली जाए और उनके बैंक खातों को सील किया जाए।
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गौरतलब है कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में सरकार और सेना की ओर से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। जहां सेना घाटी में लगातार एनकाउंटर कर यहां छिपे जैश-ए-मुहम्मद के आतंकियों को मौत के घाट उतार ही है। वहीं, आतंकी हमले के बाद ही केंद्र सरकार ने हुर्रियत के सभी 22 नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है।