सभी के लिए मौलिक अधिकार पूरा करना संभव नहीं: अटॉर्नी जनरल
आपको बता दें कि बुधवार को केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। भारत सरकार की ओर से कोर्ट में मौजूद अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में जीने का अधिकार बड़ा व्यापक है। जिसमें रोजगार का अधिकार, शेल्टर भी मौलिक अधिकार है। लेकिन क्या एक विकासशील देश में सभी के लिए मौलिक अधिकार पूरा करना संभव है, क्या सरकार सभी को रोजगार दे सकती है?
कोर्ट ने पहले क्या कहा था?
आपको बता दें कि इससे पहले 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एससी-एसटी एक्ट अधिनियम के तहत मिली किसी भी शिकायत पर तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए और गिरफ्तारी से पहले प्रारंभिक जांच की जाए, जब शिकायत फर्जी या बेबुनियाद लगे। इसके अलावे कोर्ट ने कई निर्देश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि सभी अभी ऐसे हालात है कि सभी मामलों में गिरफ्तारी हो रही है, भले ही पुलिस अधिकारी भी यह महसूस करते हो कि इनमें से कई शिकायतें फर्जी हैं। बता दें कि फिलहाल अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए अपने आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है और उसे एक रक्षात्मक कदम बताया है। गौरतलब है कि जस्टिस आदर्श गोयल 6 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं।ऐसे में इस मामले में सुनवाई का क्या होगा, ये बड़ा सवाल है।