सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की वे मजदूर मारे जा चुके हैं, या जिंदा हैं। कोर्ट ने कहा कि उन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वे सभी जिंदा हो। वहीं, मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय कृष्ण कौल की खंडपीठ ने मेघालय सरकार के वकील से कहा, ‘अगर आपको केंद्र से कोई मदद चाहिए तो हमें बताइए। केंद्र सरकार से भी जवाब लिया जाएगा। इसके जवाब में मेघालय के वकील ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से मजदूरों को निकालने के लिए साझा प्रयास किए जा रहे हैं।
खदान में खनन पर लगी थी रोक
गौरतलब है कि अवैध खदान में फंसे मजदूरों को 21 दिन हो चुके हैं। मजदूर 13 दिसंबर से खदान में फंसे हुए हैं। उनको निकालने में लगे रेसक्यू टीम को हेलमेट की जगह कुछ नहीं मिला है। बता दें कि जिस खदान में मजदूर फंसे हैं वह 370 फीट गहरी है और उसमें 70 फीट तक पानी भरा है। उसी में ये मजदूर फंसे हुए हैं। एनजीटी ने इस खदान में खनन पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। लेकिन इसके बावजूद भी यहां खनन किया जा रहा था।