
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ एसआईटी जांच की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है । जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने एसआईटी से चार हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है । ये एसआईटी सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई है । पिछले 23 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने रंजीत सिन्हा के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था । उनके खिलाफ अपने पद का दुरुपयोग कर कोयला घोटाले के आरोपियों के पक्ष में काम करने का आरोप है ।
कोर्ट ने सिन्हा को पाया दोषी
उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि हमें ऐसा लगता है कि रंजीत सिन्हा ने अपने पद काम दुरुपयोग किया है । कोर्ट ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को निर्देश दिया था कि इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन करें और जांच में केंद्रीय सतर्कता आयोग को भरोसे में लेकर काम करें । सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर एमएल शर्मा के पैनल ने रंजीत सिन्हा को कोयला घोटाले की जांच को प्रभावित करने का का दोषी पाया है ।
एसआईटी गठन के बारे में दे जानकारी
कोर्ट ने सीबीआई निदेशक को ये भी निर्देश दिया था कि वे एसआईटी के गठन के बारे में बताएं और ये भी बताएं कि इस जांच को पूरा करने में कितना समय लगेगा । आपको बता दें कि कॉमन कॉज नामक एनजीओ की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने रंजीत सिन्हा की टू-जी और कोयला घोटाले के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की है । जब रंजीत सिन्हा सीबीआई डायरेक्टर थे उसी समय सुप्रीम कोर्ट ने 22 नवंबर 2014 को टू-जी घोटाले की जांच से अलग कर दिया था ।
SC ने सिन्हा की अर्जी को खारिज किया
सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को एसआईटी गठित करने के आदेश के खिलाफ रंजीत सिन्हा की अर्जी को नामंजूर कर दिया था । रंजीत सिन्हा ने सहारा-बिरला समूह के छापे के दौरान मिली डायरी के आधार पर जांच से इनकार करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बनाते हुए अच्छी दायर की थी । कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पहले ही आदेश पारित हो चुका है ।
Published on:
04 Dec 2017 08:03 pm
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