अयोध्या और आरक्षण जैसे मामलों की लाइव प्रसारण नहीं होगी
आपको बता दें कि इससे पहले अदालत ने सुनवाई करते हुए कहा था कि अदालती कार्यवाही का लाइव प्रसारण करने से पार्दर्शिता बढ़ेगी। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा था कि अयोध्या और आरक्षण जैसे मुद्दों की लाइव प्रसारण नहीं होगी। इसपर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम खुली अदालत को लागू कर रहे हैं। ये तकनीक के दिन हैं, हमें साकारात्मक सोचना चाहिए और देखना चाहिए कि दुनिया कहां जा रही है।
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केंद्र सरकार ने कोर्ट में दाखिल की गाइडलाइन
आपको बता दें कि इस बाबत केंद्र सरकार की ओर से एजी केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में गाइडलाइन दाखिल की हैं। इस गाइडलाइन के मुताबिक लाइव प्रसारण को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट से शुरू हो। जिसमें राष्ट्रीय और संवैधानिक महत्व के मुद्दे शामिल हों। गाइडलाइन में कहा गया है कि वैवाहिक विवाद, नाबालिगों से जुड़े मामले, राष्ट्रीय सुरक्षा और साम्प्रदायिक सौहार्द से जुड़े मामलों का लाइव प्रसारण न हो। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि प्रसारण के लिए एक मीडिया रूम बनाया जा सकता है, जिसे लिटिगेंट, पत्रकार और वकील इस्तेमाल कर सकें। हालांकि इन सबके बीच एक वकील ने इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि इससे आम नागरिक भी कोर्ट के फैसले की गलत व्याख्या करने लग जाएंगे।