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पिपिली दुष्कर्म मामला: भाजपा महिला मोर्चा की सदस्य पर सरेराह पुलिस को पीटने का आरोप

locationनई दिल्लीPublished: Jan 21, 2019 07:33:51 pm

Submitted by:

Prashant Jha

महिला मोर्चा की सदस्य पर आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान इन्होंने पुलिस के साथ हाथापाई की।
 

BJP Women Wing workers in Bhubaneswar

पिपिली दुष्कर्म मामला: भाजपा महिला मोर्चा की सदस्य पर सरेराह पुलिस को पीटने का आरोप

भुवनेश्वर: ओडिशा में पिपिली गैंगरेप पर सियासत जारी है। आज भाजपा महिला मोर्चा ने एक बार फिर इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा महिला मोर्चा और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। महिला मोर्चा की सदस्य पर आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान इन्होंने पुलिस के साथ हाथापाई की। न्यूज एजेंसी की ओर से जारी वीडियो में साफ दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी को रोकने के लिए जैसे ही पुलिस आगे आती है। कि महिला मोर्चा की सदस्य एक महिला पुलिस के साथ मारपीट कर रही है। हालांकि पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को पकड़ा है।

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महिला मोर्चा ने सीएम को भेजी चूड़ियां

गौरतलब है कि पिछले दिनों ओडिशा में भाजपा महिला मोर्चा ने चूड़ी संग्रह अभियान चलाया और फिर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नाम से चूड़ियां भेजी। भाजपा महिला मोर्चा लगातार राज्य की महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार और शोषण की घटनाओं को रोकने में राज्य सरकार की विफलता को लेकर हमला बोल रहा है।

धर्मेंद्र प्रधान ने परिजनों से की थी मुलाकात

इसी महीने 6 जनवरी को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिपिली दुष्कर्म पीड़ित के परजिनों से मुलाकात कर इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया था। इस दौरान मृतक लड़की की मां ने सीबीआई जांच की मांग की। ओडिशा सरकार के एक मंत्री ने कोर्ट से आरोपियों को बरी किए जाने का स्वागत किया था। इसको लेकर ओडिशा सरकार पर विपक्ष ने हमला बोला था। वहीं पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान बादीपरा सभा में सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर ओडिशा सरकार की जमकर आलोचना की थी।

क्या है यह मामला

गौरतलब है कि 2011 में पिपली में दलित लड़की के साथ दुष्कर्म और हत्या का मामला सामने आया था। इस मामले में दो अभियुक्त भाई प्रशांत प्रधान एवं सुकांत प्रधान को भुवनेश्वर प्रथम अतिरिक्त जज ने गवाह के अभाव में दोषमुक्त घोषित कर दिया था। इसपर स्थानीय विधायक और नवीन पटनायक सरकार में कृषि मंत्री प्रदीप महारथी ने दुष्कर्म के आरोपियों के पक्ष में टिप्पणी की थी। जिसके बाद सियासी घमासान मच गया। कांग्रेस और भाजपा ने इसको लेकर नवीन पटनायक सरकार को घेरने की कोशिश की।

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