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पुलवामा अटैक का एक और सच आया सामने, सुरक्षा एजेंसी ने माना इस चूक की वजह से हुआ हमला

locationनई दिल्लीPublished: Feb 23, 2019 03:31:45 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

– पुलवामा हमले में सुरक्षा एजेंसी का नया खुलासा
– खुफिया सूचना की कमी के कारण हुआ हमला
– हमलावर को कम खतरनाक आंका गया था

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पुलवामा अटैक का एक और सच आया सामने, सुरक्षा एजेंसी ने माना इस चूक की वजह से हुआ हमला

नई दिल्ली। पुलवामा में आतंकी हमले से देश में अलग तरह का माहौल बना हुआ है। चालीस जवानों की शहादत से देश गमगीन है। सेना की ओर से घाटी में लगातार कार्रवाई की जा रही है। वहीं, इस घटना को लेकर एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं। सुरक्षा एजेंसी के नए खुलासे से एक बार फिर सनसनी मच गई है।
सुरक्षा एजेंसी का नया खुलासा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद का आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार, जिसने यह हमला किया था वह खुफिया एजेंसी की लिस्ट में सी श्रेणी का आतंकवादी था। इसका मतलब यह हुआ कि उसे काफी कम खतरनाक माना गया था। उसके आतंकवाद रोधी एजेंसियों के रडार से बाहर होने का सबसे बड़ा कारण गुप्त सूचना का कमजोर होना था। आधिकारिक दस्तावेजों में डार को आतंकवादियों की सूची में बेहद कम खतरनाक के तौर पर रखा गया था। दिसंबर 2018 को अपडेट किए गए डाटाबेस से पता चला है कि कामरान और फरहान की उपस्थिति के बारे में कोई सूचना नहीं थी। दोनों पाकिस्तानी जैश के कमांडर्स थे और दोनों को सोमवार को सुरक्षाबलों ने पुलवामा में हुई मुठभेड़ में मार गिराया था।
हमलावर को कम खतरनाक माना गया था

जैश कमांडरों के मामले में सुरक्षाबल उनकी पहचान को लेकर संघर्ष कर रहे थे, क्योंकि उनके बारे में कोई खुफिया जानकारी नहीं थी। एक अधिकारी ने कहा कि हम उनकी असली पहचान को लेकर अस्पष्ट थे क्योंकि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई आतंकी अभियानों के लिए उनके कोड नाम रखती है। आईएसआई हर आतंकी को जानबूझकर कई उपनाम देती है जिससे कि हमें गुमराह किया जा सके। वह अमूमन अबु, गाजी आदि उपनामों का इस्तेमाल करती है जिससे कि उलझन पैदा हो सके। यही वजह है कि हमें नहीं पता था कि अब्दुल राशिद गाजी नाम का कोई आतंकी है, जो कथित तौर पर आईईडी विशेषज्ञ है और उसने आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार को प्रशिक्षित किया था। एजेंसी के अधिकारियों ने यह भी माना है कि 2016 में बुरहान वानी की मौत के बाद पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने कश्मीर के स्थानीय लोगों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है। पिछले तीन सालों के दौरान पाकिस्तानी आतंकियों ने 180 नागरिकों की हत्या कर दी है। जिसमें से कुछ मुखबिर थे। हालांकि अधिकारियों ने यह बताने से इनकार कर दिया कि मारे गए लोगों में से कितने मुखबिर थे।
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