‘फायरब्रांड’ नाम से मशहूर
शंकरन 1980 के दशक की शुरुआत में ‘फायरब्रांड’ पत्रकार के नाम से मशहूर थे।वे अपने उत्साही जीवन और साहसिक कार्यों के लिए जाने जाते है। उन्हें साहित्य, नुक्कड़ नाटक और थिएटर जैसे कला के क्षेत्रों में कई प्रयोग किए हैं। 1981 में उनका एक इंटरव्यू के विवादों में आ गया था। दरअसल उनका यह इंटरव्यू कांची कामकोटि के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती के साथ था, जिसमें उन्होंने यह बयान दिया था कि एम करुणानिधि के बीमार होने के लिए प्रार्थना की गई थी।
सुपरस्टार रजनीकांत उनको श्रद्धांजलि देने पहुंचे
उनकी मौत पर कई दिग्गजों ने शोक जताया। साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत उनके घर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वे मेरे बहुत करीबी थे, और मैं उनके लेखन का बहुत बड़ा फैन हूं।
राजनीति से भी जुड़े
उन्होंने 2014 में आम आदमी पार्टी के तरफ से अलंदुर निर्वाचन क्षेत्र सीट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। लेकिन बाद में स्वास्थ्य बिगड़ने के चलते उन्होंने पार्टी छोड़ दी। राजनैतिक मुद्दों पर उनकी पकड़ और पार्टियों के तानाशाही नेतृत्व से उनकी मजबूत असहमति उनके बयानों में देखी जा सकती थी।