scriptजम्मू-कश्मीर: अलगाववादी पिता जेल में है बंद, बेटी ने सीबीएसई 12वीं में हासिल किया पहला स्थान | Separate father is in jail, daughter gets first position in CBSE 12th | Patrika News

जम्मू-कश्मीर: अलगाववादी पिता जेल में है बंद, बेटी ने सीबीएसई 12वीं में हासिल किया पहला स्थान

locationनई दिल्लीPublished: May 27, 2018 03:14:13 am

Submitted by:

Anil Kumar

समा शब्बीर शाह ने सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में 97.8 प्रतिशत अंक हासिल कर जम्मू-कश्मीर में पहला स्थान प्राप्त किया है।

अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की बेटी समा शब्बीर शाह

जम्मू-कश्मीर: अलगाववादी पिता जेल में है बंद, बेटी ने सीबीएसई 12वीं में हासिल किया पहला स्थान

नई दिल्ली। कहते हैं कि हौंसले बुलंद हो और इरादे नेक हो तो भगवान भी कायनात से आपकी मदद के लिए आगे आ जाते हैं। आपकी मेहनत और लग्न आपकी कामयाबी में चार चांद लगा देते हैं। यही बात जम्मू की रहने वाली समा शब्बीर शाह ने सिद्ध करके दिखाया है। दरअसल समा शब्बीर शाह ने सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में 97.8 प्रतिशत अंक हासिल कर जम्मू-कश्मीर में पहला स्थान प्राप्त किया है। समा शब्बीर के इस प्रदर्शन ने हर किसी को चौंका दिया है। क्योंकि पिता 9 महीने से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है और मां हर दूसरे-तीसरे महीने प्रवर्तन निदेशालय में हाजिरी देती रहती है। ऐसे में समा शब्बीर का जम्मू-कश्मीर में पहला स्थान हासिल करना हर किसी के लिए अचंभे से कम नहीं है।

https://twitter.com/MehboobaMufti/status/1000333421959315457?ref_src=twsrc%5Etfw

सीएम महबूबा मुफ्ती ने दी बधाई

बता दें कि समा के इस कामयाबी पर सीएम महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर बधाई दी है। ट्वीट करते हुए सीएम महबूबा ने लिखा कि समा ने तमाम मुश्किलों का सामना करने के बाद अपनी लगन और मेहनत से यह सफलता हासिल की है। यह राज्य के हर युवा के लिए एक मिशाल है।

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मेरी सफलता का श्रेय मेरे माता-पिता को जाता है: समा

आपको बता दें कि समा शब्बीर श्रीनगर के अथवाजन स्थित दिल्ली पब्ललिक स्कूल की छात्रा हैं। समा के पिता शब्बीर शाह कश्मीर के एक वरिष्ठ अलगाववादी नेता हैं। पिछले बर्ष जुलाई से वे दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं। समा ने अपने इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है। समा ने कहा कि ये मेरी नहीं बल्कि मेरे माता-पिता की कुर्बानियों का नतीजा है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता पढ़ाई को लेकर बहुत फिक्रमंद रहते हैं और हमेशा मुझे पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। समा कहती है कि जब वह पढ़ाई करने के लिए बैठती थीं तो वे अपने पिता को याद करती थीं और अपने आप से कहती थीं कि जब उनके अब्बू जेल की सजा बर्दाश्त कर सकते हैं तो क्या वह 12वीं की परीक्षा पास नहीं कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि आज जो मैंने हासिल किया है वह मेरे पिता के संघर्ष में मेरा यकीन और मेरी मां द्वारा मुझे दी गई ताकत से हुआ है। समा की मां डॉ. बिलकीस शाह ने अपनी बेटी की कामयाबी पर खुशी जताते हुए कहा कि यदि आज इनके अब्बू जेल से बाहर होते तो काफी खुशियां मनाते।

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