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बता दें कि सरकार गठन के लिए भाजपा ने 30 अक्टूबर को विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें मुख्यमंत्री पद के लिए एक बार फिर से देवेंद्र फडणवीस के नाम पर मुहर लगेगी। भाजपा का मानना है कि विधायक दल की बैठक होने तक शिवसेना से सरकार में पदों के बंटवारे को लेकर बातचीत सुलझ जाएगी।
दरअसल इस बार विधानसभा चुनाव में पिछली बार की तुलना में भाजपा की 17 सीटें कम हो गईं, शिवसेना को भी सात सीटों का नुकसान सहना पड़ा। इसके बाद से शिवसेना भाजपा पर पदों के बंटवारे को लेकर आक्रामक है।
चुनाव नतीजे आने के दिन 24 अक्टूबर को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 50-50 फॉर्मूले की बात उठाकर ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना का भी दावा ठोक दिया था। जबकि भाजपा शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने से इंकार कर रही है।
भाजपा शिवसेना प्रमुख के बेटे आदित्य ठाकरे को ज्यादा से ज्यादा डिप्टी सीएम (उप मुख्यमंत्री) का पद देने को तैयार है। तब से भाजपा और शिवसेना के बीच सरकार बनाने को लेकर पेंच फंसा है। जबकि हरियाणा में बीते रविवार को ही भाजपा-जननायक जनता पार्टी (जजपा) गठबंधन की सरकार बन चुकी है।
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हरियाणा में भी 24 अक्टूबर को ही नतीजे आए थे। इसी से पता चलता है कि महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच अभी पॉवर शेयरिंग को लेकर बात नहीं बन पाई है।