नई दिल्ली। साईं और शनि पूजा पर एतराज जताने के बाद
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अब इस्कॉन मंदिरों पर निशाना साधा
है। शंकराचार्य ने इस्कॉन मंदिरों को पैसा कमाने का अड्डा बताया है तो साथ
ही कृष्ण भक्ति की आड़ में धर्मांतरण कराए जाने का सनसनीखेज आरोप भी लगाया
है। शंकराचार्य ने रविवार इलाहाबाद में प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र सरकार से
इस्कॉन मंदिरों की जांच कराए जाने की मांग की और सनातन धर्म के लोगों को
इस्कॉन मंदिरों के बजाय भारतीयों द्वारा स्थापित कृष्ण मंदिर में ही पूजा –
अर्चना करने की नसीहत भी दी।
शंकराचार्य ने सवाल उठाते हुए कहा है कि
इस्कॉन मंदिर झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के बजाय सिर्फ
उत्तर भारत में ही क्यों बनाए जा रहे हैं। उनके मुताबिक़ जिन राज्यों में
ईसाई या दूसरे गैर हिन्दू धर्मों के लोग ज़्यादा हैं, वहाँ इस्कॉन मंदिर
नहीं बनते, जबकि वृन्दावन जहाँकि हर गली- मोहल्ले में भगवान कृष्ण के मंदिर
पहले से ही मौजूद हैं, वहीं इस्कॉन मंदिर क्यों बनाए जा रहे हैं। शंकराचार्य ने आरोप लगाया कि इस्कॉन मंदिरों की आड़ में हिन्दुओं का
धर्मांतरण किया जा रहा है और भारतीयों की गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा हर साल
अमेरिका चला जा रहा है।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने रविवार इलाहाबाद के माघ मेले में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि प्रभुपाद जी ने
इस्कॉन मंदिरों की स्थापना जिस मकसद से की थी, आज उसके विपरीत काम हो रहा
है। उन्होंने केंद्र सरकार से सभी इस्कॉन मंदिरों की गतिविधियों की गहराई
से छानबीन कराए जाने की मांग की। इतना ही नहीं शंकराचार्य स्वरूपानंद ने
कृष्ण भक्तों से इस्कॉन मंदिरों के बजाय परंपरागत भारतीय मंदिरों में ही
पूजा करने की भी अपील की।