दरअसल, इस बिल को लेकर शिवसेना के समर्थन से कांग्रेस खेमे में नाराजगी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकसभा में नागरिकता बिल का समर्थन करने वाले शिवसेना के कदम से कांग्रेस पार्टी खुश नहीं है। इतना ही नहीं, कांग्रेस की तरफ से शिवसेना को बाकायदा इस बारे में संदेश भी भेज दिया गया है कि कांग्रेस संविधान के मूल सिद्धांतों पर समझौता करने वाली नहीं है। कांग्रेस के इस कदम और संदेश से शिवसेना ने नागरिकता बिल पर अचानक अपना रुख बदल लिया है। शिवसैनिकों का कहना है कि राज्यसभा में वोटिंग को लेकर अभी स्पष्ट नहीं है। पार्टी हाईकमान से चर्चा के बाद ही कुछ निर्णय लिया जाएगा।
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोई भी जो बिल से असहमत है, वह देशद्रोही है, यह उनका भ्रम है। ठाकरे ने कहा है कि हमने नागरिकता संशोधन विधेयक में बदलाव के लिए सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई नागरिक इस विधेयक से भयभीत है तो सरकार को उसके संदेह को दूर करना चाहिए। ऐसे सवालों को उठाते हुए ठाकरे ने कहा कि हम चीजों के स्पष्ट होने तक विधेयक को समर्थन नहीं देंगे। वहीं, डीएमके और CPI (M) ने भी इस बिल का विरोध किया है। फिलहाल, राज्यसभा में इस बिल पर बहस जारी है।