script

भारत-अमरीका के बीच अहम रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर, BECA पर बनी सहमति

locationनई दिल्लीPublished: Oct 27, 2020 03:55:55 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर सोमवार को भारत पहुंचे।
रक्षामंत्र राजनाथ सिंह ने क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने की बात की।

Rajnath Singh

भारत-अमेरिका के बीच अहम रक्षा समझौता।

नई दिल्ली। भारत और अमरीका के बीच मंगलवार को टू प्लस टू मंत्री स्तरीय बैठक (India USA 2+2 dialogue) में अहम समझौते पर सहमति बनी। इस दौरान बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौता (BECA) पर हस्ताक्षर किए गए।
BECA की एक महत्वपूर्ण रणनीति है

इस समझौता के बाद, रक्षामंत्र राजनाथ सिंह ने क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने की बात की। उन्होंने कहा ‘हमने कई प्रमुख मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। अमरीका के साथ BECA की एक महत्वपूर्ण रणनीति है’।
America: सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं एमी कोनी बैरेट, डोनाल्ड ट्रंप ने किया था नामित

अमरीका के साथ सैन्य सहयोग के लिए हमारी सेना बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है। हमने रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास के लिए परियोजनाओं की पहचान की। उन्होंने कहा कि हमने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
सहयोग का विस्तार किया

अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियों ने कहा ‘अमरीका और भारत सभी तरह के खतरों के खिलाफ सहयोग को लेकर मजबूत कदम उठा रहे हैं। बीते साल, हमने साइबर मुद्दों पर अपने सहयोग का विस्तार किया है, हमारी नौसेनाओं ने हिंद महासागर में संयुक्त अभ्यास किया है’।
गौरतलब है कि अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर सोमवार को भारत पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अपने समकक्ष एस जयशंकर और राजनाथ सिंह से खास मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच बड़ा सैन्य समझौता ‘बेका’ (BECA) पर सभी की सहमति ली गई।
https://twitter.com/IndianExpress?ref_src=twsrc%5Etfw
क्या है BECA

बेसिक एक्सचेंज एंड कोबॉपरेशन एग्रीमेंट (BECA) अमेरिकी रक्षा विभाग और भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के बीच भू-स्थानिक सहयोग है। इसमें क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग, रक्षा सूचना साझा करने, सैन्य बातचीत और रक्षा व्यापार के समझौते शामिल हैं।
इस समझौते के तहत भारत को अमरीका की ओर से सटीक जियोस्पेशियल डेटा मिल सकेगा। इसका उपयोग सैन्य कार्रवाई में काफी मददगार होगा।

क्या होगा फायदा

इस समझौते के बाद दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग में बढ़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। अमरीकी सैटेलाइटों द्वारा जुटाई जानकारियां भारत के साथ साझा हो सकेंगी। इसके साथ अमरीका के संवेदनशील संचार डाटा तक भी भारत की पहुंच हो सकेगी। इससे साथ भारतीय मिसाइलों की क्षमता सटीक हो सकेगी।
Srilanka और भारत के बीच दूरियां क्यों बढ़ीं, क्या चीन है इसका कारण?

इस समझौते से दोनों देशों के बीच सशस्त्र बलों की के बीच भू-स्थानिक जानकारी साझा करने में मदद करेगा। इसके साथ भारत को अमरीका से प्रिडेटर-बी जैसे सशस्त्र ड्रोन मिलेंगे। इस की मदद से सीमा पर सुरक्षा और चौकस हो सकेगी। घातक हथियारों से लैस ये ड्रोन दुश्मन के
ठिकानों ढूंढ़कर उसे तबाह करने में सक्षम हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो