सपना चौधरी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है, सपना चौधरी ने कहा कि जब मुन्नी बदनाम हुई, शीला जवान हुई जैसे गाने अश्लील नहीं तो उसका डांस कैसे अश्लील है…
नई दिल्ली। अपमान से दुखी होकर आत्महत्या की कोशिश करने वाली लाखों लोगों की चहेती सिंगर और डांसर सपना चौधरी शीघ्र ही हरियाणवी संगीत प्रेमियों के बीच होंगी। वह तेजी से स्वास्थ्य लाभ कर रही हैं। करीब 10 दिन तक अस्पताल में रहने के बाद सपना चौधरी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद सपना चौधरी ने कहा कि जब मुन्नी बदनाम हुई, शीला जवान हुई जैसे गाने अश्लील नहीं तो उसका डांस कैसे अश्लील है। सपना चौधरी ने कहा है कि कला को अश्लील कहना व्यक्ति के दिमाग की सोच है। पूरा तन ढककर की जाने वाली प्रस्तुति कैसे अश्लील हो सकती है।
जहरीला पदार्थ खाने से उनके शरीर में कमजोरी आ गई है। गले में संक्रमण हो गया। उन्होंने उम्मीद जताई है कि करीब दो हफ्ते के बाद वह गाने का रियाज शुरू कर देंगी और उसके एक हफ्ते बाद वह हजारों संगीत प्रेमियों के बीच मंचों पर फिर से धमाल मचाएंगी।
अपमान करना नहीं था मकसद
गुडग़ांव के खांडसा निवासी सतपाल तंवर द्वारा लगाए गए एक जाति विशेष का अपमान करने के आरोप को सपना ने गलत बताया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा गाई गई रागिनी की उस लाइन के जरिए लेखक जगदीश चंद्र ने कहा है कि अपनी मेहनत से यह निर्धन वर्ग भी तरक्की कर गया। इस रागिनी को कोई गलत नहीं मानता था, शायद इसीलिए बरसों से लोग इसे गाते रहे और लाखों ने सुना भी। शायद तंवर ने नेम एंड फेम के लिए ऐसा किया। तंवर जैसे लोग कवियों व कलाकारों पर ज्यादती करते हैं, तो भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें।
राजनेताओं से खफा
राजनेताओं से सपना बहुत खफा हैं। सपना ने कहा कि उनका अपमान हुआ, जान खतरे में पड़ी, इसके बावजूद किसी राजनीतिक नेता ने इस बारे में कुछ नहीं बोला। शायद वे वोटों की सियासत से प्रभावित थे। लेकिन अदालत से उन्हें अवश्य न्याय मिलेगा।
हालात लाए इस फील्ड में
सपना जब सिर्फ 12 साल की थी तो पिता का निधन हो गया था। सपना बताती हैं कि उनके पिता होते तो शायद वह डांसिंग व सिंगिंग के फील्ड में न होती। डांस में उनकी रुचि तो बचपन से ही थी। पिता की कमी में परिवार के गुजारे के लिए उसने अपनी नाचने व गाने की कला को निखारा और आज लाखों लोग उसकी कला के दीवाने हैं।
पुंडरी में हुआ पहला प्रोग्राम
आज एक प्रोग्राम के लाखों रुपये लेने वाली सपना का पहला प्रोग्राम 10 दिसंबर 2012 को जब करनाल जिले के पुंडरी में हुआ तो उनको बदले में कुछ नहीं मिला। अगले प्रोग्राम में 3100 रुपए मिले थे। वह एक महीने के 30 दिन में ही 35 तक प्रोग्राम करती हैं। उनके कार्यक्रम कई-कई महीने पहले ही तय हो जाते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा व दिल्ली में लोग उसकी कला के दीवाने हैं।
परफॉर्मेंस के लिए कड़ी मेहनत
सपना ने एक निजी वेबसाइट को बताया कि वह मंचों पर अपनी प्रस्तुतियों को दमदार बनाने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं। एक नई रागनी पर 10-12 दिन लगाती हैं। तैयारी व कार्यक्रमों से समय नहीं मिलता इसलिए भोजन व नींद गाड़ी में ही लेनी पड़ती है।