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सिंगल महिलाएं भी करवा सकेंगी Legal Abortion.

Published: Dec 12, 2016 01:23:00 pm

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अब सिंगल महिलाओं को भी अपना अनचाहा गर्भ गिराने के लिए कानूनी रूप से गर्भपात करवाने की अनुमति मिलेगी।

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नई दिल्ली। अब सिंगल महिलाओं को भी अपना अनचाहा गर्भ गिराने के लिए कानूनी रूप से गर्भपात करवाने की अनुमति मिलेगी। सिंगल रहने वाली महिलाएं इसके जरिए कानूनी तौर पर अपना अनचाहा गर्भ गिरवा सकेंगी। अभी तक सिर्फ शादीशुदा महिलाएं हीं ऐसा कर सकती है।

प्रेगनेंसी से जुड़े कानून में जल्द ही होगा संशोधन

स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्भ निरोधक गोली के असफल होने और अनचाहे गर्भ के लिए मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट में संशोधन करने का फैसला किया है। ये प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में रखा जाएगा। अभी इस कानून के तहत महिला के जीवन को खतरा होने पर एक डॉक्टर ही उसे अबॉर्शन करवाने की अनुमति दे सकता है। ये अनुमति महिला कि शारीरिक और मानसिक स्थिति के आधार पर दी जाती है। बलात्कार पीडि़ताओं को भी गर्भपात करवाने की छूट है। समाज में सेक्सुअली एक्टिव सिंगल और कुंवारी महिलाओं को देखते हुए सरकार ने कानून में ये संशोधन करने का फैसला किया है। इस संशोधन के बाद कानूनी तौर पर सिंगल महिलाओं को भी गर्भपात का अधिकार मिल जाएगा।

सिंगल महिलाओं को भी अपना जीवन बेहतर करने का मिलेगा विकल्प

एक्सपट्र्स का कहना है कि ये बहुत ही प्रगतिशील कदम है। इससे सिंगल महिलाओं के पास ही कानूनी गर्भपात का विकल्प होगा और वो खुद को सुरक्षित महसूस कर सकेंगी। महिलाओं की प्रेगनेंसी टर्मिनेशन को लेकर आखिरी बार 1971 में संशोधन किए गए थे। इस कानून में प्रेगनेंसी के दौरान भू्रण में किसी भी तरह की परेशानी दिखने पर ही गर्भपात करवाने की अनुमति दी जाती थी। वर्तमान में कानून सिर्फ 20 सप्ताह तक ही मेडिकल अबॉर्शन करवाने की अनुमति देता है। कानून में होने वाले इस नए संशोधन से सिंगल महिलाओं को भी अपने जीवन की बेहतरी के लिए फैसला लेने का अधिकार मिलेगा।

नर्स और होम्योपैथी डॉक्टर्स भी करवा सकेंगे गर्भपात

स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिश में कहा गया है कि सामान्य अबॉर्शन की ट्रेनिंग होम्यॉपैथ्स, नर्सों को भी दी जानी चाहिए। एक अधिकारी ने बताया कि एक बार यह संशोधन बिल संसद से पास हो गया तो उसके बाद मंत्रालय इससे जुड़े नियमों को सिलसिलेवार तरीके से सामने रखेगा। इस संशोधन में अबॉर्शन करवाने की सीमा को 20 सप्ताह के गर्भ से बढ़ाकर 24 सप्ताह का गर्भ करना भी है। आईपीएएस एनजीओ के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर विनोज कहते हैं यह संशोधन महिलाओं को सुरक्षित अबॉर्शन जैसी सहूलियतें देगा। हमें उम्मीद है कि जल्द से जल्द इस बिल को संसद से पास करवा लिया जाएगा।

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