जिस स्कूल में हुई महात्मा गांधी की प्रारंभिक शिक्षा, उसको बंद करने की तैयारी में गुजरात सरकार लेकिन गुजरात से अलग ही मामला सामने आया है, जिसने सभी पौराणिक कथाओं को झूठा साबित कर दिया।
दरअसल, गुजरात में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है कि सीता का अपहरण रावण ने नहीं बल्कि राम ने किया। हैरान करने वाला ये पाठ छोटे बच्चों को नहीं बल्कि गुजरात बोर्ड की 12वीं की संस्कृत की किताब में पढ़ाया जा रहा है।
12वीं की संस्कृत की किताब ‘इंट्रोडक्शन टू संस्कृत लैंग्वेज’ के 106 नंबर पेज पर ये हैरान करने वाली बात लिखी हुई है। इसमें लिखा है- ‘यहां कवि ने अपनी मौलिक सोच और विचार से राम के चरित्र की बेहतरीन तस्वीर खींची है। राम द्वारा सीता का अपहरण कर लिए जाने के बाद लक्ष्मण द्वारा राम को दिए गए संदेश का दिल छू जाने वाला वर्णन किया गया है।’ इस वाक्य में राम की जगह पर रावण आना चाहिए था।
मुस्लिम स्कूल में गूंजते हैं श्लोक और वैदिक मंत्र गुजरात स्टेट बोर्ड ऑफ स्कूल टेक्स्टबुक्स, गांधीनगर के अध्यक्ष नितिन पेथाणी ने मामले पर बयान दिया और कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी गलती मान ली। जिस पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि ये गलती अनुवाद की गड़बड़ी की वजह से हुई है। जिसमें गलती से रावण की जगह पर राम लिखा गया है।
12वीं की कक्षा में संस्कृत विषय में ऐसा गलत तथ्य देना एक बहुत बड़ी गलती है जिसे छोटे से छोटा बच्चा भी पकड़ लेगा। लेकिन अधिकारियों ने इसे गलत अनुवाद का कारण बताते हुए अपने हाथ पीछे कर लिए हैं।