डीएनए रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे गौरतलब है कि यह कंकाल तीन सा पहले यहां खोदाई करते समय मिला था। इससे हड़प्पाकालीन सभ्यता के कई नए पहलू सामने आने की उम्मीद है। खुदाई में सात हजार वर्ष पुरानी वस्तुएं भी मिली हैं। नई जानकारी के बाद हड़प्पाकालीन सभ्यता को लेकर कई नए खुलासे की उम्मीद है। भविष्य में और खुदाई हुई तो कुछ और जानकारियां भी सामने आएंगी। पुरातत्वविदों का मानना है कि इस खुदाई में भारत की इस पहली नगरीय सभ्यता के बारे में अभी कई नई जानकारियां मिलने की उम्मीद है।
कई और खुलासे का अभी इंतजार मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जानेमाने पुरातत्वविद प्रोफेसर वसंत शिंदे ने बताया कि इन कंकालों का जर्मनी से आए वैज्ञानिकों ने बड़ी सावधानी के साथ डीएनए लिया था और कंकालों को हैदराबाद के सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मोल्यीकूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) में रखकर इनकी बारीकी से जांच की गई। जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। वहीं, शोध करने वाली टीम का कहना है कि खुदाई मिले नर कंकाल के डीएनएन से मिली जानकारी के बाद यह साफ हो रहा है कि हड़प्पाकालीन सभ्यता के लोग व्यापार करने के लिए देश के अलग-अलग जगहों पर जाते रहे होंगे। बताया जा रहा है कि कुछ डीएनए रिपोर्ट अभी और आएंगे, जिसमें कुछ और खुलासे हो सकते हैं। हालांकि, अभी तक जो रिपोर्ट आई है उनका डीएनए द्रविड़ लोगों से मेल खाता है। प्रोफेसर शिंद ने बताया कि नई जानकारी से हड़प्पा कालीन सभ्यता को लेकर कई नए तथ्य सामने आएंगे और ये उस समय के इतिहास पर नई रोशनी डालेंगे।