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Coronavirus Lockdown : विदेश से आ रहे हैं भारत तो माननी होंगी कई शर्तें, इन लोगों को मिलेगी पहली प्राथमिकता

locationनई दिल्लीPublished: May 25, 2020 11:25:44 am

Submitted by:

Ruchi Sharma

Highlights
-सरकार ने कहा है कि इस वापसी का पूरा खर्च यात्रियों को ही उठाना होगा
-तरजीह उन्हें दी जाएगी जो मुश्किल में हैं, जिनकी नौकरी चली गई है
-इनके अलावा बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को देश में आने की इजाजत दी जाएगी

Coronavirus Lockdown : विदेश से आ रहे हैं भारत तो माननी होंगी कई शर्तें, इन लोगों को मिलेगी पहली प्राथमिकता

Coronavirus Lockdown : विदेश से आ रहे हैं भारत तो माननी होंगी कई शर्तें, इन लोगों को मिलेगी पहली प्राथमिकता


नई दिल्ली. कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में कई लोग विदेश में फंसे रह गए, जो अफने देश आने का इंतजार कर रहे हैं। एेसे में केंद्र ने विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए गाइडलाइन जारी की । सरकार ने कहा है कि इस वापसी का पूरा खर्च यात्रियों को ही उठाना होगा। पहली प्राथमिकता उन्हें दी जाएगी जो मुश्किल में हैं, जिनकी नौकरी चली गई है। इनके अलावा बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को देश में आने की इजाजत दी जाएगी। इसी तरह का स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) उन लोगों के लिए जारी किया गया है, जो भारत में फंसे हुए हैं और अपने देशों को जाना चाहते हैं।
इन लोगों को दी जाएगी पहली प्राथमिकता

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि जिन देशों में भारतीय फंसे हैं, वहां के दूतावासों में रजिस्ट्रेशन जरूरी है। इसमें विदेश मंत्रालय द्वारा बताई गई जरूरी जानकारियां देनी होंगी। मुश्किल में फंसे लोगों, नौकरी खोने वाले वर्करों, कम अवधि वाले वीजा होल्डर्स, स्वास्थ्य संबंधी इमरजेंसी से जूझ रहे लोगों, गर्भवती महिलाओं, किसी की मृत्यु पर भारत आने की कोशिश कर रहे लोगों और छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। यात्रा का पूरा खर्च यात्री ही उठाएंगे। जो भी यात्री भारत आएंगे, उन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन क्वारैंटाइन गाइडलाइन का पालन करना होगा। ये शर्तें हैं माननी जरूरी..
1. प्लेन में बैठने से पहले पैसेंजर को लिखित में यह देना होगा कि वो 14 दिन क्वारैंटाइन में रहने तैयार है। इसमें 7 दिन वो अपने खर्च पर सरकार द्वारा तय किए सेंटर में रहेगा। बाकी 7 दिन होम आईसोलेशन में रहेगा। इस दौरान उसे अपनी सेहत पर खुद नजर रखनी होगी।
2. इस मामले में कुछ अपवाद रहेंगे। तनावग्रस्त व्यक्ति, गर्भवती, परिवार में मृत्यु, गंभीर बीमारी, 10 साल से छोटे बच्चों के साथ पैरेंट्स। इन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। इन लोगों के लिए 14 दिन का होम क्वारैंटाइन पीरिएड रह सकता है। इस दौरान आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल जरूरी यानी मेंडेटरी होगा।
3. यात्रा के दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना है। इसकी जानकारी टिकट के साथ ही संबंधित एजेंसियां यात्रियों को देंगी।

4. सभी यात्रियों को ये सलाह दी जाती है कि वो अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करें।
5. फ्लाइट या शिप में चढ़ने (बोर्डिंग) के वक्त हर पैसेंजर की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। सिर्फ उनको यात्रा की मंजूरी दी जाएगी जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं होंगे।
6. सड़क के रास्ते देश में प्रवेश करने वाले लोगों को भी ऊपर दिए गए नियमों का पालन करना होगा। यहां भी उन्हीं लोगों को देश की सीमा में आने की मंजूरी होगी जिनमें रोग के लक्षण नहीं होंगे।
7. एक सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भी दो कॉपियों में भरना होगा। इसकी एक कॉपी इमिग्रेशन सेंटर पर जमा करानी होगी। यह सेंटर हर एयरपोर्ट, बंदरगाह और लैंड बॉर्डर के एंट्री पॉइंट पर होंगे। यह फॉर्म आरोग्य सेतु ऐप पर भी उपलब्ध है।
8. सभी जरूरी ऐहतियात बरतने होंगे। एयरपोर्ट और फ्लाइट में सैनिटाइजेशन और डिस्इंफेक्शन की व्यवस्था करनी होगी।

9. बोर्डिंग और एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना जरूरी होगा।

10. एयरपोर्ट, बंदरगाह या लैंड बॉर्डर चेक पॉइंट पर कोविड-19 से संबंधित अनाउंसमेंट करना जरूरी होगा।
11. यात्रा के दौरान क्रू मेंबर्स की यह जिम्मेदारी होगी कि सभी पैसेंजर्स मास्क पहने हों। सैनिटाइजेशन और डिस्इंफेक्शन की जिम्मेदारी भी संबधित एयरलाइन और क्रू मेंबर्स की होगी।

12. आगमन (अराइवल) के दौरान एयरपोर्ट, सी-पोर्ट या लैंड पोर्ट पर हेल्थ टीम हर यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग करेगी।
13. स्क्रीनिंग के दौरान जिस यात्री में बीमारी के लक्षण पाए जाएंगे। उसे हेल्थ ऑफिशियल्स फौरन आईसोलेट करेंगे। हेल्थ प्रोटोकॉल के हिसाब से उसे हॉस्पिटल ले जाया जाएगा।

14. बचे हुए पैसेंजर्स को राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की सरकारें क्वारैंटाइन सेंटर भेजेंगी।
15. इन यात्रियों को 7 दिन सरकारी क्वारैंटाइन सेंटर में रहना होगा। आईसीएमआर की गाइडलाइंस के हिसाब से इनका टेस्ट किया जाएगा। अगर वो पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उनका इलाज किया जाएगा।

16. अगर उनमें हल्के लक्षण पाए जाते हैं तो होम आईसोलेशन की इजाजत दी जा सकती है। संबधित व्यक्ति सरकारी या निजी कोविड केयर सेंटर में भी जा सकता है।

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