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पत्रिका फैक्ट चेक: क्या वाकई पीएम हर भारतीय नागरिकों को 15 हजार रुपए से कर रहे हैं मदद, जानिए सच्चाई ?

locationनई दिल्लीPublished: Apr 15, 2020 07:15:55 pm

Submitted by:

Prashant Jha

पत्रिका फैक्ट टीम ने पड़ताल में पाया कि मैसेज में दिए गए यूआरएल की स्पेलिंग गलत है, जो फर्जी वेबसाइट को दर्शाता है। हकीकत से इसका कोई लेना देना नहीं है। पत्रिका ने अपने पाठकों से इस तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की।

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉकडाउन से लोगों के सामने कई तरह की समस्याएं खड़ी हो गई हैं। गरीब और दिहाड़ी मजदूरों के सामने तो रोजी रोटी का संकट तक खड़ा हो गया है। हालांकि केंद्र और राज्य सरकारें गरीबों और जरूरतमंदों को मदद करने में जुटी हैं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सक्ष्म लोगों से गरीबों की मदद करने की अपील कर रहे हैं। पीएम मोदी की अपील का लोग खुलकर समर्थन कर रहे हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर इस समय एक मैसेज वायरल हो रहा है । जिसमें दावा किया जा रहा है कि पीएम हर भारतीय को 15 हजार रुपय की मदद दे रहे हैं जिसे प्राप्त करने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करके फॉर्म भरना होगा।

 

दावा : पीएम हर भारतीय को 15 हजार रुपय की दे रहे हैं मदद, इस लिंक पर क्लिक करें

तथ्य : दावा बिलकुल झूठ है,व दिया गया लिंक फर्जी है

 

वायरल मैसेज में क्या है दावा ?

व्हाट्सएप, ट्विटर, और फेसबुक पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। वायरल मैसेज में प्रधानमंत्री नरेंद्र की तस्वीर लगी है। नरेंद्र मोदी आवास योजना डॉट इन नामक वेबसाइट पर लिखा है कि कठिन परिस्तिथियों के बीच, पीएम हर भारतीय को 15 हजार रुपये की मदद दे रहे हैं जिसे प्राप्त करने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करके फॉर्म भरना होगा। लिंक पर क्लिक करने के बाद नाम, पता, फोन नंबर, पिन कोड डालना है और फिर फॉर्म दर्ज करें पर ओके कर देना है।

https://www.narendrmodiawasyojna.in

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वायरल मैसेज की क्या है सच्चाई?

पत्रिका फैक्ट चेक के व्हाट्सएप नंबर पर एक यूजर ने यह मैसेज भेजकर जानने की कोशिश की कि क्या यह सच है। जिसपर पत्रिका फैक्ट चेक टीम ने गूगल पर इससे संबंधित कई की-वर्ड्स की तलाश की। जिसमें ऐसी कोई सच्चाई सामने नहीं आई। टीम ने पड़ताल में पाया कि मैसेज में दिए गए यूआरएल की स्पेलिंग गलत है, जो फर्जी वेबसाइट को दर्शाता है। हकीकत से इसका कोई लेना देना नहीं है। पत्रिका ने अपने पाठकों से इस तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की।

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PIB ने दावे को गलत करार दिया

वहीं भारत सरकार के प्रेस इन्फॉर्मेंसन ब्यूरो ने वायरल हो रहे मैसेज को गलत और फर्जी करार दिया है। पीआईबी ने कहा कि सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। यह दावा बिलकुल झूठ है,और दिया गया लिंक फर्जी है। पीआईबी ने कृप्या अफवाहों और जालसाज़ों से दूर रहने को कहा है।

https://twitter.com/PIBFactCheck/status/1250000773229891585?ref_src=twsrc%5Etfw

बता दें कि पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में दावा किया गा था कि नरेंद्र मोदी आवास योजना डॉट इन नाम की वेबसाट पर उपलब्ध फॉर्म को भरकर कोई भी मुफ्त मास्क का लाभ उठा सकता है। जबकि स्वच्छ भारत अभियान के तहत मुफ्त मास्क के वितरण के लिए सरकार की ओर से कोई घोषणा नहीं की गई थी।

 

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वायरल मैसेज से लोग हो रहे गुमराह

सोशल मीडिया पर कुछ शरारती तत्व इस तरह से फर्जी मैसेज को वायरल कर लोगों को गुमारह करने में लगे हुए हैं। हालांकि पत्रिका फैक्ट चेक टीम अपने पाठकों तक फर्जी और गलत जानकारी पहुंचाने से रोकेगी और प्रामणिक और तथ्यात्मक खबरें देती रहेगी।

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