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सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस: CBI की विशेष अदालत 21 दिसंबर को सुनाएगी फैसला

locationनई दिल्लीPublished: Dec 07, 2018 05:09:05 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

राजनीतिक रूप से संवेदनशील सोहराबुद्दीन अनवर शेख और तुलसीराम प्रजापति दोहरे मुठभेड़ मामले में और गुजरात के कौसर बी दुष्कर्म व हत्या मामले में अंतिम बहस तीन दिसंबर को शुरू हुई थी।

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सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर : CBI की विशेष अदालत 21 दिसंबर को सुनाएगी फैसला

नई दिल्ली। गुजरात के सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत 21 दिसंबर को फैसला सुनाएगी। वर्ष 2005-06 के दौरान कथित गैंगस्टर सोहराबुद्दीन और प्रजापति को ‘फर्जी मुठभेड़’ में मारे जाने और सोहराबुद्दीन की पत्नी कौसर बी की गुमशुदगी ने देश में बड़े पैमाने पर राजनीतिक भूचाल ला दिया था। सोहराबुद्दीन के सहयोगी और केस में गवाह तुलसी प्रजापति को भी एक साल बाद राजस्थान और गुजरात पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया था।

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मुंबई की विशेष अदालत में शिफ्ट हुआ था केस

राजनीतिक रूप से संवेदनशील सोहराबुद्दीन अनवर शेख और तुलसीराम प्रजापति दोहरे मुठभेड़ मामले में और गुजरात के कौसर बी दुष्कर्म व हत्या मामले में अंतिम बहस तीन दिसंबर को शुरू हुई थी। जो सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस.जे. शर्मा के समक्ष पांच दिसंबर को समाप्त हुई। सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2012 के एक आदेश के तहत मामले को गुजरात से मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया था।

लश्कर से बताए गए थे सोहराबुद्दीन के संबंध

अभियोजन पक्ष की दलील थी कि सोहराबुद्दीन का संबंध आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से था और वह कथित रूप से एक महत्वपूर्ण नेता (संभवत: तत्कालीन मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) की हत्या की साजिश रच रहा था। मामले में कुल 37 लोगों को आरोपी बनाया गया था। वर्ष 2014 में 16 लोगों को बरी कर दिया गया था।

राजनीतिक रूप से संवेदनशील है केस

बरी किए गए लोगों में गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री और अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, राजस्थान के तत्कालीन गृहमंत्री जी.सी. कटारिया, गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक डी.जी. बंजारा, आईपीएस अधिकारी एन.के. अमीन और 12 अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।

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