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मुंबई की विशेष अदालत में शिफ्ट हुआ था केस
राजनीतिक रूप से संवेदनशील सोहराबुद्दीन अनवर शेख और तुलसीराम प्रजापति दोहरे मुठभेड़ मामले में और गुजरात के कौसर बी दुष्कर्म व हत्या मामले में अंतिम बहस तीन दिसंबर को शुरू हुई थी। जो सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस.जे. शर्मा के समक्ष पांच दिसंबर को समाप्त हुई। सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2012 के एक आदेश के तहत मामले को गुजरात से मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया था।
लश्कर से बताए गए थे सोहराबुद्दीन के संबंध
अभियोजन पक्ष की दलील थी कि सोहराबुद्दीन का संबंध आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से था और वह कथित रूप से एक महत्वपूर्ण नेता (संभवत: तत्कालीन मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) की हत्या की साजिश रच रहा था। मामले में कुल 37 लोगों को आरोपी बनाया गया था। वर्ष 2014 में 16 लोगों को बरी कर दिया गया था।
राजनीतिक रूप से संवेदनशील है केस
बरी किए गए लोगों में गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री और अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, राजस्थान के तत्कालीन गृहमंत्री जी.सी. कटारिया, गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक डी.जी. बंजारा, आईपीएस अधिकारी एन.के. अमीन और 12 अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।