हाईकोर्ट और आलोचकों पर जमकर बरसे सॉलिसिटर जनरल दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court On Migrants ) ने लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों और उनकी दुर्दशा पर स्वत: संज्ञान लिया था। सुनवाई के दौरान केन्द्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखते हुए 19 हाईकोर्ट और आलोचकों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि प्रवासियों की दुर्दशा को लेकर 19 हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है और राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुए आदेश दिए जा रहे हैं। मेहता ने उच्च न्यायालयों ( High Court ) पर समानांतर सरकार चलाने का आरोप लगाया है। मेहता ने कहा कि कोर्ट को राजनीतिक मंच नहीं बनने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कोर्ट में हस्तक्षेप अर्जी दाखिल की है और बहस करना चाहते हैं, पहले वे बताएं कि उन्होंने इस दिशा में क्या-क्या किया है?
19 HC में कोरोना मामले को लेकर सुनवाई यहां आपको बता दें कि COVID-19 को लेकर फिलहाल देश के अलग-अलग 19 उच्च न्यायालयों में याचिकाएं दायर की गई हैं। इनमें केरल ( Kerala ), मद्रास, हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh ), गुजरात ( Gujarat ), झारखंड ( Jharkhand ), कर्नाटक, मेघालय, पटना ( Patna ), ओडिशा, मणिपुर, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, इलाहाबाद, बॉम्बे, कोलकाता, गुवाहाटी, मद्रास, सिक्किम, तेलंगाना, उत्तराखंड के उच्च न्यायालयों में सुनवाई हो रही है। हालांकि, कुछ अदलातों ने इस मामले में स्वत: संज्ञान भी लिया है। इनमें, दिल्ली, बॉम्बे, पटना और आंध्र प्रदेश के हाईकोर्ट शामिल हैं। यहां आपको बता दें कि तुषार मेहता द्वारा सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी बात रखने के बाद कुछ समय बाद ही तेलंगाना हाई कोर्ट ने COVID-19 मरने वाले मरीजों के शवों को बाहर करने से पहले उनके परीक्षण के आदेश दिए हैं। इतना ही नहीं जस्टिस आर एस चौहान और बी वियसेन रेड्डी की खंडपीठ ने कोरोना संक्रमितों की संख्या छिपाने पर राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई है।