जानकारी के अनुसार- विदेशी ट्रिब्यूनल ने दुलाल पाल को 2017 में बांग्लादेशी घोषित किया था। जिसके बाद उसे तेजपुर जेल व हिरासत केंद्र में रखा गया। डीसीपी मानवेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार- 65 वर्षीय पाल को गुवाहाटी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। मामले की जांच एसीपीपी पराग काकोती करेंगे। प्रताप सिंह के मुताबिक इस मामले की जांच के लिए ‘द बेंगाली फेडरेशन ऑफ असम’ ने भी एक ज्ञापन दे चुका था।
दावका के अनुसार- पाल का डायबटिज और मनोविकार संबंधी रोगों का भी इलाज चल रहा था। 11 अक्टूबर को तेजपुर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में जांच की गई। इससे अगले दिन उसकी हालत ज्यादा खराब हो गई। उसे गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (GMCH) भेज दिया गया जहां 13 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई।
दुलाल का शव जीएमसीएच के शवगृह में रखा है। उसके बेटे आशीष पाल ने शव लेने से मना कर दिया। आशीष का कहना है कि जब तक उसके पिता को भारतीय नागरिक घोषित नहीं किया जाता, तब तक वह शव नहीं लेगा।
सोनितपुर जिले के अधिकारी एडीजी कुलेन शर्मा तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नुमाल महंत के साथ सोमवार को आशीष को समझाने उसके घर गए। लेकिन आशीष नहीं माना। दावका के अनुसार- जिला अधिकारियों का एक दल एक बार फिर उसे समझाने जाएगा।