शुक्रवार को बजट सत्र के आखिरी दिन सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दलितों में फैले असंतोष को सांसद पहचानें और इसका निदान करने की कोशिश करें। गौरतलब है कि हाल में एससी/एसटी एक्ट कानून में बदलाव को लेकर सुप्रीम के फैसले पर पिछले चार दिनों तक कई जगहों पर धरने और प्रदर्शन हुए। कई राज्यों में आगजनी और तोड़फोड़ भी हुई और करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।
गांवों में सांसद दौरा करें प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के अवसर पर संसद प्रण लें कि वह दलितों के घर जाकर उनकी समस्याओं को सुनेंगे। प्रत्येक सांसद एक गांव पर
ध्यान दे और यहां रह रहे दलितों से बात करे। यह अभियान 5 मई तक चलाना होगा। गौरतलब है कि एससी/एसटी एक्ट पर दलित संगठनों के भारत बंद के बाद केंद्र की सत्तारूढ़ बीजेपी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। पार्टी देशभर में अंबेडकर जयंती यानी 14 अप्रैल से 5 मई तक ग्राम स्वराज अभियान चलाएगी। बीजेपी अंबेडकर जयंती को राष्ट्रीय न्याय दिवस के रूप में मनाएगी।
राष्ट्रीय न्याय दिवस मनाएंगे अंबेडकर जयंती को मोदी सरकार के सभी मंत्री देश के अलग-अलग शहरों में जाएंगे और राष्ट्रीय न्याय दिवस मनाएंगे। इसके अलावा बीजेपी के सभी सांसद भी अपने-अपने क्षेत्र में राष्ट्रीय न्याय दिवस मनाएंगे। सभी मंत्री और सांसद अंबेडकर जयंती पर कार्यक्रमों, प्रेस कॉन्फ्रेंस और सभाओं के जरिए जनता के बीच जाकर यह संदेश देंगे कि मोदी सरकार और बीजेपी दलितों के साथ खड़ी है। साथ ही यह बताया जाएगा कि एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका के जरिए सरकार दलितों का पक्ष मजबूती से रख रही है।