अहमदाबाद। बोचासण वासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामी नारायण संप्रदाय (बीएपीएस) के प्रमुख स्वामी का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को निधन हो गया। 7 दिसंबर, 1921 को जन्मे बीएपीएस के प्रमुख स्वामी की उम्र 95 वर्ष थी। प्रमुख स्वामी का अहमदाबाद से करीब 100 किमी दूर सालंगपुर में कई महीनों से इलाज चल रहा था। HH Pramukh Swami Maharaj was a mentor to me. I will never forget my interactions with him. Will miss his presence. pic.twitter.com/p4lsx65zjY— Narendra Modi (@narendramodi) August 13, 2016गौरतलब है कि दुनियाभर में जितने भी अक्षरधाम मंदिर हैं, वे सभी बीएपीएस समुदाय के ही हैं। बीएपीएस प्रमुख स्वामी को गुणातीतानंद स्वामी, भगतजी महाराज, शास्त्री जी महाराज और योगीजी महाराज के बाद स्वामी नारायण संस्था का पांचवां उत्तराधिकारी मानते हैं। कौन थे प्रमुख स्वामी- प्रमुख स्वामी महाराज जाने माने आध्यात्मिक गुरु थे। उनका जन्म वड़ोदरा जिले के चाणसद गांव में हुआ। स्वामी महाराज ने युवावस्था में ही गृहत्याग कर आध्यात्म के मार्ग पर चल पड़े थे। वे शास्त्री महाराज के शिष्य बने और 10 जनवरी, 1940 को नारायणस्वरुप दासजी के रूप में उन्होंने अपना आध्यात्मिक सफर शुरू किया। वर्ष 1950 में मात्र 28 वर्ष की आयु में ही उन्होंने बीएपीएस के प्रमुख का पद संभाला।कई भव्य मंदिरों का निर्माण- प्रमुख स्वामी वर्ष 1971 से ही बीएपीएस के आध्यात्मिक गुरु रहे। इतना ही नहीं, उन्होंने देश-विदेश में 713 भव्य मंदिरों का निर्माण करवाया और कई विशाल मंदिरों का निर्माण कार्य अभी भी जारी है।