scriptश्रीकृष्ण जन्माष्टमीः कन्हैया के जीवन से जुड़ा 8 अंक का अनोखा रहस्य | Sri Krishna Janmashtami: Mystery related to number 8 with Kanha | Patrika News

श्रीकृष्ण जन्माष्टमीः कन्हैया के जीवन से जुड़ा 8 अंक का अनोखा रहस्य

locationनई दिल्लीPublished: Aug 23, 2019 06:24:30 pm

Sri Krishna Janmashtami पर जानिए चौंकाने वाली सच्चाई
श्रीकृष्ण के जीवन में अंक 8 का है बहुत महत्व
देवकी-वसुदेव की आठवीं संतान थे कन्हैया

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नई दिल्ली। वैसे तो भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े तमाम किस्से हैं, जिनके बारे में लोग अच्छी तरह जानते हैं। लेकिन कान्हा की जिंदगी के बारे में तमाम ऐसी बाते भी हैं, जिन्हें जानकर आपको हैरानी भी हो सकती है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर आइए आपको भी कन्हैया के जीवन से जुड़े अंक 8 के रहस्य से रूबरू कराते हैं।
8वीं संतान

सबसे पहले आपको भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बारे में बताते हैं। इनका जन्म द्वापरयुग में उत्तर प्रदेश के मथुरा मेें हुआ था। यहां पर कन्हैया के मामा कंस ने आतंक मचाया हुआ था। कन्हैया के जन्म से पहले पहले ही कंस को आकाशवाणी के जरिये यह पता चल चुका था कि उसकी बहन देवकी और बहनोई वसुदेव की आठवीं संतान उसका वध करेगी।
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Shri Krishna Janma stuti
इस आकाशवाणी को सुनने के बाद कंस ने अपनी बहन और बहनोई को कारावास में डाल दिया था। कंस ने इन दोनों के सात बच्चों को पैदा होते ही मार डाला था। हालांकि वसुदेव-देवकी की आठवीं संतान के रूप में पैदा हुए कृष्ण स्वयं भगवान विष्णु के अवतार थे, इसलिए पूरी परिस्थितियां उनके मुताबिक ढलती चली गईं।
8 तारीख को जन्म

हिंदू कैलेंडर के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद की अष्टमी (आठवें दिन) को हुआ था। यानी न केवल वह परिवार में आठवें नंबर की संतान थे, उनका जन्म भी आठ तारीख को हुआ था।
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रात्रि का 8वां मुहुर्त

ऐतिहासिक रूप से श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में रात्रि के आठवें मुहुर्त में 12 बजे हुआ था।
आठ रानियां

भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में 8 अंक का महत्व केवल इतना ही नहीं था। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण ने 16 हजार स्त्रियों के साथ विवाह किया था, लेकिन उनकी रानियां केवल 8 ही थीं। इनका नाम रुक्मणी, सत्यभामा, जबावती, कालिंदी, मित्रवृंदा, नाग्नजिती, भद्रा और लक्ष्मणा है।
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