गोलियों से छलनी होने के बाद दोनों जवान आतंकियों से लड़ने के लिए डटे रहे और अपने साहस के बल पर एक आतंकी को मार गिराया
श्रीनगर। जम्मूकश्मीर के उधमपुर में हुए आतंकी हमले में एक आतंकी को मार कर शहीद हो जाने वाले बीएसएफ के शुभेंदु रॉय और रॉकी की कुर्बानी जाया नहीं गई। अपनी बहादुरी से जहां कॉन्सटेबल रॉकी ने पहले आतंकी नोमान को मार गिराया वहीं दोनों की बहादुरी से ही बीएसएफ के जवानों ने आतंकी उस्मान उर्फ नावेद उर्फ कासिम को पकड़ने में सफलता हासिल की।
गौरतलब है कि बुधवार को दो आतंकियों ने बीएसएफ के काफिले पर हमला कर दिया था जिसमें आतंकियों ने 30 जवानों से भरी बस को निशाना बनाया और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जैसे ही आंतकियों ने फायरिंग शुरू की सभी जवान खुद को कवर करने के लिए सीट से नीचे हो गए वहीं रॉकी ने अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकी नोमन पर गोलिया चलानी शुरू कर दी और नोमान को मौत के घाट उतार दिया। वहीं रॉकी और शुभेन्दु ने लगातार आतंकियों पर हमला शुरू कर दिया जिससे बीएसएफ के जवानों को बैकअप फोर्स मंगाने का मौका मिल गया और फोर्स ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला।
पूरी बस को उड़ाने की फिराक में थे आतंकी
बीएसएफ से मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के कॉन्सटेबल शुभेन्दु रॉय बस चला रहे थे। आतंकियों ने जब फायरिंग की तो वे घायल गए। दोनों में से एक आतंकी ग्रेनेड लेकर बस में घुसने लगा लेकिन शुभेन्दु ने बस के दरवाजे पर ही आतंकी को रोक लिया और उसे बस के अंदर दाखिल नहीं होने दिया। आतंकी ने उनपर फायरिंग भी की लेकिन शुभेन्दु गोलियां खाने के बाद भी डटे रहे।
घायल होने के बाद भी नहीं बंद की फायरिंग
बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया की रॉकी ने आतंकियों को जवाबी फायरिंग में उलझाए रखा। रॉकी ने 20 में 40 राउंड फायर किए, तबतक बैकअप फोर्स मौके पर पहुंच चुकी थी। 27 वर्षीय कॉन्सटेबल रॉकी ने घायल होने के बाद भी लगातार फायरिंग जारी रखी और बस में घुसने की कोशिश करने वाले आतंकी नोमान को मार गिराया। आतंकी नोमान बस में ग्रेनेड फेंकने की कोशिश कर रहा था जो बस के बाहर फट गया।