मीडिया से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली इस अधिनियम को लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा। इसके तहत 28 नगर वेंडिंग समितियों का गठन किया गया है और एक अधिसूचना जारी की गई है। इसके अलावा समितियों का चुनाव भी हो चुका है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक समिति में 30 सदस्य होंगे। उनकी टीम के रूप में 12 विक्रेता या फेरीवाले, जबकि बाकी सदस्य अधिकारी, टाउन प्लानर, पुलिस एवं ट्रैफिक पुलिस, आरडब्ल्यूए और मार्केट एसोसिएशन के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी होंगे। केजरीवाल ने कहा कि एमसीडी और अन्य विभागों को अपने संबंधित टाउन वेंडिंग कमेटियों के माध्यम से विक्रेताओं का एक सर्वेक्षण करने के लिए कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाइसेंस में मालिक का नाम, पता और वेंडिंग की जगह होगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे किसी के द्वारा परेशान न हों। उन्होंने कहा कि पहले सड़क विक्रेताओं को पुलिस और अन्य निकायों द्वारा परेशान करके हुए जबरन हटा दिया जाता था। लेकिन अब विक्रेताओं को लाइसेंस प्रदान किए जाएंगे, जिससे उनसे जबरन वसूली और उत्पीड़न समाप्त हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर की वेंडिंग कमेटी किसी भी स्थान पर विक्रेताओं की अंतिम संख्या पर निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि समिति के पास सारी शक्ति होगी। यह वेंडिंग और नॉन-वेंडिंग जोन की पहचान करेगी। सदस्य यह तय करेंगे कि फेरी लगाने की अनुमति कहां होगी। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होगी।