चार लाख से ज्यादा हैं परीक्षार्थी
एक अनुमान है कि इस परीक्षा के लिए चार लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया है। ऐसे में बिहार के अलग-अलग शहरों में होने वाली परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों का केंद्रों तक पहुंचना मुश्किल होगा। उनके लिए वहां तक जाना और परीक्षा केंद्र ढूंढ़ना आसान नहीं होगा और इस कारण कइयों की परीक्षा छूटने के आसार हैं। बता दें कि जलजमाव देखकर ऐसा नहीं लगता कि दो-चार दिन में पूरे बिहार का जनजीवन ढर्रे पर आ जाएगा। छात्रों का कहना है कि ऐसे में चार लाख से ज्यादा लोगों का जीवन दांव पर लग जाएगा।
परीक्षार्थियों ने की तिथि आगे बढ़ाने की मांग
राज्य में बाढ़ और जलजमाव के कारण जान-माल की काफी क्षति हुई है और कई शहरों में अब भी बाढ़ का पानी जमा है। राजधानी पटना में अब भी अधिकतर जगहों पर जलजमाव बना हुआ है। शहर के एक इलाके से दूसरे इलाके में जाना लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है। पानी की निकासी नहीं होने के कारण लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त है। वहीं जिन इलाकों में पानी धीरे-धीरे उतर रहा है, वहां महामारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। इस बीच 15 अक्टूबर को बीपीएससी की होने वाली परीक्षा की तिथि की को आगे बढ़ाने की मांग को लेकर कई छात्र सामने आने लगे हैं।
सोशल मीडिया पर भी हो रहा है विरोध
अपनी मांग को लेकर परीक्षार्थी सोशल मीडिया पर भी विरोध जता रहे हैं। एक छात्र आशुतोष कुमार पांडेय ने फेसबुक पर बीपीएससी के चैयरमैन से परीक्षा तिथि आगे बढ़ाने का आग्रह किया है। उसने लिखा है कि बिहार के अलग-अलग इलाकों में बाढ़ और हथिया का पानी जमा है। राजधानी के लगभग आधे हिस्से में भी पानी जमा है। इस दौरान आयोग की 65वीं परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी हो गए हैं। परीक्षा 15 अक्टूबर को है। अनुमानत: इस परीक्षा में चार लाख साढ़े ग्यारह हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे। ऐसे में उन्हें परीक्षा केंद्र खोजने और वहां पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
परीक्षार्थियों की मांग के समर्थन में उतरे पप्पू यादव
इस बीच जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव भी परीक्षा स्थगित करने के मांग के समर्थन में उतर आए हैं। पूर्व सांसद ने कहा कि अपना चेहरा बचाने के लिए नीतीश सरकार कुछ भी कर सकती है। बीपीएससी परीक्षा हो या शिक्षक नियोजन सभी में बिहार से बाहर रहने वाले छात्र भी शामिल होते हैं। ऐसे में छात्रों को बाढ़ और जलजमाव से परेशानी होगी, लेकिन सरकार इन तय तिथियों को आगे नहीं बढ़ाएगी, क्योंकि नीतीश कुमार का चेहरा इससे धूमिल होगा कि जलजमाव के कारण परीक्षा की तिथि बढ़ानी पड़ी। नीतीश जी को केवल कुर्सी प्यारी है। यह आज साबित हो गया।