देशभर में बारह लाख से अधिक परिवार सौर ऊर्जा से अपने घर रोशन कर रहे हैं। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए क्या किया जा सकता है? हमें बताएं… प्रकरण के अनुसार 13 नवंबर 2013 को निम्बाहेड़ा कोतवाली थाना प्रभारी मय जाप्ता बस स्टैंड पहुंचे। यहां सांवलिया विश्रांति गृह के पास एक महिला एवं बुजुर्ग पुरुष खड़े नजर आए, जिनके पास बैग थे। पुलिस को देखकर दोनों घबरा गए और रवाना होने लगे। जाप्ते ने घेरा देकर दोनों को रोका। पूछताछ में 58 वर्षीय महिला ने अपना नाम चित्तौडग़ढ़ जिले के बस्सी खटीक मोहल्ला निवासी लीलादेवी पुत्री जयसिंह तेली तथा 6 5 वर्षीय बुजुर्ग ने मध्यप्रदेश नीमच के चौधरी मोहल्ला निवासी भैरूसिंह पुत्र जुलारसिंह बताया।
नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले को पांच साल की सजा इनके पास मिले बैग में सात व छह किलो अफीम मिली। पुलिस ने 13 किलो अफीम जब्त कर दोनों को एनडीपीएस एक्ट की धारा 8 /18 के तहत गिरफ्तार किया। जांच के बाद दोनों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक गिरिराजप्रसाद जोनवाल ने पैरवी की। अभियोजन व बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश बेरीवाल ने दोनों को अफीम तस्करी का दोषी माना। दोनों को एनडीपीएस एक्ट की धारा 8 /18 के तहत 10-10 साल की कैद की सजा तथा 1.50 लाख-1.50 लाख रुपए का अर्थदंड सुनाया।
एक के खिलाफ खुला है अनुसंधान पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपितों ने बताया कि वे ये अफीम मध्यप्रदेश के ईश्वर नायक से लेकर आए हैं और अजमेर लेकर जा रहे थे। पुलिस ने ईश्वर नायक की तलाश की, लेकिन पता नहीं चला। काफी बाद में पता चला कि अफीम बेचने वाला नीमच जिले के जीरन थानांतर्गत जैतपुरा (पालसोड़ा) निवासी ईश्वरसिंह पुत्र रामसिंह नायक है। इसके बाद भी वह कहीं नहीं मिला। न्यायालय ने ईश्वरसिंह के खिलाफ धारा 173 (8 ) के तहत अनुसंधान खुला रखने के आदेश दिए हैं।