उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने चांद सितारे वाले झंडे पर बैन लगाने की याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने रिजवी की जनहित याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें उन्होंने हरे रंग के चांद-सितारों वाले झंडे को पूरे भारत में बैन करने की मांग की थी। रिजवी ने यह याचिका 17 अप्रैल को दाखिल की थी। रिजवी के अनुसार ये झंडे पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज से मिलते जुलते हैं। कुछ मौलवियों ने गलत तरीके से इस झंडे को इस्लाम से जोड़ दिया है, जबकि इनका इस्लाम से कोई मतलब नहीं है। साथ ही रिजवी ने ये भी बताया कि इस झंडे की वजह से सांप्रदायिक तनाव फैलता है और दो समुदायों के बीच दूरी बढ़ती है, लिहाजा इस ध्वज को प्रतिबंध कर देना चाहिए। उन्होंने अपनी याचिका में बताया था कि चांद सितारों वाले हरे रंग के झंडे की शुरूआत एक सियासी पार्टी ऑल इंडिया मुस्लिम लीग ने की थी। इस दल की स्थापना नवाज वकार उल-मलिक और मोहम्मद अली जिन्ना ने 1906 में ढाका में की थी।
पाकिस्तान का झंडा भी हरे रंग का और इसके बीच में एक सितारा है और साइड में एक सफेद रंग की पट्टी है। ये झंडा आल इंडिया मुस्लिम लीग के झंडे पर ही आधारित है। बता दें जब मुस्लिम समुदाय के लोग चांद सितारे वाला झंडा थामते देखे गए हैं तो कई बार उसे पाकिस्तान का झंडा समझ लिया गया है।