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20 साल पुराने Rape Case में SC ने आरोपी को किया बरी, जानिए जजों ने क्या कहा?

Published: Sep 29, 2020 04:03:13 pm

Submitted by:

Naveen

-सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court Verdict on Rape Case ) ने 20 साल पुराने बलात्कार मामले में आरोपी को आज बरी कर दिया है। -बेंच ने कहा कि चाकू की नोंक पर यौन शोषण ( Rape With Woman ) के बाद कोई भी महिला आरोपी के साथ लिव-इन-रिलेशन ( Live in Relationship ) में नहीं रहती और ना ही उसे प्रेम पत्र ( Love Letter ) लिखती है।-महिला ने करीब 20 साल पहले व्यक्ति पर शादी करने का वादा करके बलात्कार करने का आरोप लगाया था।

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20 साल पुराने Rape Case में SC ने आरोपी को किया बरी, जानिए जजों ने क्या कहा?

नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court Verdict on Rape Case ) ने 20 साल पुराने बलात्कार मामले में आरोपी को आज बरी कर दिया है। जस्टिस नरिमन, जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि चाकू की नोंक पर यौन शोषण ( Rape With Woman ) के बाद कोई भी महिला आरोपी के साथ लिव-इन-रिलेशन ( Live in Relationship ) में नहीं रहती और ना ही उसे प्रेम पत्र ( Love Letter ) लिखती है। महिला ने करीब 20 साल पहले व्यक्ति पर शादी करने का वादा करके बलात्कार करने का आरोप लगाया था। इस पर ट्रायल कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला बदलते हुए आरोपी को बरी कर दिया है।

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शादी बनी रोड़ा तो लगाया रेप का आरोप
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कहा कि घटना के वक्त 1995 में महिला की उम्र महज 13 साल की थी, जबकि 1999 में जब उसने FIR दर्ज कराई तो मेडिकल जांच में उसकी उम्र तब 25 साल की पाई गई। इससे साफ है कि महिला ने अपनी उम्र झूठ बोलकर आठ साल कम बताई थी। बता दें कि दोनों अलग-अलग धर्म के हैं जो दोनों के विवाह की समस्या बनी। महिला ने एफआईआर में युवक पर शादी करने का वादा करके रेप का आरोप लगाया था।

जजों ने क्या कहा?
इस मामले में कई सबूतों की गहन पड़ताल करते हुए पीठ ने कहा: “वे दोनों एक-दूसरे के प्यार में पागल थे। युवाओं के जुनून ने उनके दिमाग और भावनाओं पर शासन किया था। इस वजह से दोनों ने शारीरिक संबंध भी बनाए और लंबे वक्त तक ऐसा करते रहे। इसके बाद भी महिला उसके घर रही। लड़के की शादी के ठीक सात दिन पहले एफआईआर दर्ज कराने से महिला की शिकायत पर गंभीर शंका पैदा होती है।

पीठ ने कहा, ‘महिला को धार्मिक समस्याओं का पता था, फिर भी वह लड़के के साथ शारीरिक संबंध बनाती रही। अगर दोनों की शादी हो गई होती तो महिला बलात्कार का आरोप नहीं लगाती। उसने कहा कि उसने लड़के को चिट्ठी नहीं लिखी, लेकिन सबूत इसके उलट है। दोनों की चिट्ठियों से पता चलता है लड़का उससे शादी करना चाहता था।

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लड़का चाहता था शादी करना
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘सबूतों के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता है कि पुरुष कभी महिला से शादी नहीं करना चाहता था। क्योंकि, महिला ने अपने प्रेम पत्रों में यह कई बार स्वीकार किया है कि पुरुष के परिवार का उसके प्रति बहुत अच्छा व्यवहार था।’

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