script

सीलिंग विवाद में मनोज तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से राहत: ऐक्शन लेने से इनकार, कहा- बीजेपी चाहे तो करे कार्रवाई

locationनई दिल्लीPublished: Nov 22, 2018 10:39:11 am

Submitted by:

Shivani Singh

30 अक्टूबर को इस मामले में सुनावई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

mnoj

सीलिंग विवाद: सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला, मनोज तिवारी अवमानना के दोषी हैं या नहीं

नई दिल्ली। सीलिंग मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि मॉनिटरिंग कमिटी के ऑर्डर का उल्लंघन का सबूत नहीं मिला है, ये अवमानना नहीं है। लेकिन कोर्ट ने इस मामले में मनोज तिवारी को फटकार लगाई है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि एक सांसद होते हुए मनोज तिवारी का ऐसा व्यवहार बेहद दुखद है। वहीं, कहा कि मनोज तिवारी के राजनीतिक हथकंडे से सुप्रीम कोर्ट हैरान है। सुप्रीम कोर्ट ने सब कुछ बीजेपी पर छोड़ दिया है कि मनोज तिवारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बता दें कि मनोज तिवारी पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गोकलपुर गांव में सील तोड़ने के मामले में कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगा था।

यह भी पढ़ें

जम्मू कश्मीर: कुलगाम में सेना के कैंप पर आतंकी हमला, इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी

मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता में हो रही है। गुरुवार को न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनावाई के दौरान कहा कि दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का कोई सबूत नहीं मिला है। लेकिन कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि उन्होंने कानून अपने हाथ में लिया है, अब उनकी पार्टी ही उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। बता दें कि 30 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा था- ‘आप जनप्रतिनिधि हैं, जिम्मेदार नागरिक है। आखिर आपको सील तोड़ने की इजाजत किसने दी? अगर सीलिंग गलत की गई थी तो आपको संबंधित अथॉरिटी के पास जाना चाहिए था।’

क्या है मामला?

बता दें कि लोकसभा सदस्य मनोज तिवारी पर उत्तर-पूर्व दिल्ली के गोकलपुरी इलाके में एक परिसर की सील तोड़ने का आरोप लगा था। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने मनोज तिवारी पर आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज कराई थी। वहीं, इससे पहले सीलिंग को लेकर बनाई गई कमेटी ने भी अदालत के सामने अपना पक्ष रखा था, जिसे लेकर सुनवाई चल रही है। मनोज तिवारी ने भी इस विवाद में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था। हलफनामा दाखिल करते हुए उन्होंने कहा था कि वह सीलिंग तोड़ने के लिए माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट अपनी मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करें और वो खुद सीलिंग अफ़सर बनने को तैयार हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो