जम्मू कश्मीर: कुलगाम में सेना के कैंप पर आतंकी हमला, इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता में हो रही है। गुरुवार को न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनावाई के दौरान कहा कि दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का कोई सबूत नहीं मिला है। लेकिन कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि उन्होंने कानून अपने हाथ में लिया है, अब उनकी पार्टी ही उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। बता दें कि 30 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा था- ‘आप जनप्रतिनिधि हैं, जिम्मेदार नागरिक है। आखिर आपको सील तोड़ने की इजाजत किसने दी? अगर सीलिंग गलत की गई थी तो आपको संबंधित अथॉरिटी के पास जाना चाहिए था।’
क्या है मामला?
बता दें कि लोकसभा सदस्य मनोज तिवारी पर उत्तर-पूर्व दिल्ली के गोकलपुरी इलाके में एक परिसर की सील तोड़ने का आरोप लगा था। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने मनोज तिवारी पर आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज कराई थी। वहीं, इससे पहले सीलिंग को लेकर बनाई गई कमेटी ने भी अदालत के सामने अपना पक्ष रखा था, जिसे लेकर सुनवाई चल रही है। मनोज तिवारी ने भी इस विवाद में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था। हलफनामा दाखिल करते हुए उन्होंने कहा था कि वह सीलिंग तोड़ने के लिए माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट अपनी मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करें और वो खुद सीलिंग अफ़सर बनने को तैयार हैं।