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सुप्रीम कोर्ट विवाद : जानिए कैसे तय होती है शीर्ष कोर्ट में जजों की वरिष्ठता

सुप्रीम कोर्ट के जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उपजा विवाद बढ़ता ही जा रहा है। आइए जानते हैं कि कैसे तय होती है शीर्ष कोर्ट में जजों की वरिष्ठता

Jan 13, 2018 / 11:43 am

Chandra Prakash

sc
नई दिल्ली: न्यायपालिका में वरिष्ठता खासी अहम होती है। हाईकोर्ट के जजों के लिए यह काफी अहम होता है। वरिष्ठता के आधार पर ही उनके करिअर की संभावनाएं तय होती हैं। सुप्रीम कोर्ट में हर जज की वरिष्ठता उनके शपथ लेने के समय से तय होती है। उदाहरण के लिए मान लिया जाए कि एक दिन में दो जजों ने शपथ ली तो जिसने पहले शपथ ग्रहण किया वह सीनियर हुआ।

सुप्रीम कोर्ट में कौन कितना सीनियर
वरिष्ठता में सबसे ऊपर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया होते हैं। यानी जस्टिस दीपक मिश्रा सबसे सीनियर हैं। उनका कार्यकाल 2 अक्टूबर 2018 तक है।

जस्टिस जे चेलमेश्वर
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता क्रम : 2
कार्यकाल 22 जून 2018 तक
गु वाहाटी और केरल हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रहे। अक्टूबर2011 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने। राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) का समर्थन किया था और कॉलेजियम की आलोचना कर चुके हैं। जस्टिस चेलमेश्वर ने अपने एक फैसले में बोलने की आजादी को कायम रखा है। निजता को मौलिक अधिकार बताने वाले फैसले में भी वे शामिल थे।
जस्टिस रंजन गोगोई
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता क्रम : 3
कार्यकाल 17 नवंबर 2019 तक
गु वाहाटी हाईकोर्ट में 28 फरवरी 2001 को जज बने, 9 सितंबर 2010 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट आ गए, 23 अप्रेल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने। जस्टिस गोगोई उस बेंच में शामिल रहे हैं जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू को सौम्या मर्डर केस पर ब्लॉग लिखने के संबंध में निजी तौर पर अदालत में पेश होने के लिए कहा था।
जस्टिस मदन बी लोकुर
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता क्रम : 4
कार्यकाल 30 दिसंबर 2018 तक
दि ल्ली, गुवाहाटी और आंध प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे। 4 जून 2012 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने। सुप्रीम कोर्ट ७ जजों की पीठ ने कहा कि धर्म को राजनीति और चुनाव से दूर रखा जाना चाहिये। धर्म का प्रयोग धर्मनिरपेक्ष गतिविधियों में नहीं होना चाहिए जिसमें चुनाव और राजनीति शामिल है। इन सात जजों की पीठ में जस्टिस मदन बी लोकुर भी शामिल थे।
जस्टिस कुरियन जोसेफ
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता क्रम : 5
कार्यकाल 29 नवंबर 2018 तक
8 मार्च, 2013 को सुप्रीम कोर्ट में जज बने। अप्रेल 2015 में सरकार ने जजों व मुख्यमंत्रियों की कॉन्फ्रेंस रखी। कॉन्फ्रेंस उस वीकेंड पर रखी गई जब गुड फ्रायडे और ईस्टर आने वाला था। जस्टिस जोसेफ ने पीएम मोदी को पत्र लिख न्योते के लिए आभार जताया लेकिन कॉन्फ्रेंस में नहीं आए। उन्होंने लिखा कि जिन तारीखों की धार्मिक अहमियत है उनपर ऐसे कार्यक्रम नहीं होने चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में खाली पड़े हैं पद
31 पद स्वीकृत हैं प्रधान न्यायाधीश समेत सुप्रीम कोर्ट में, इनमें 6 पद खाली।
1,07 9 पद हैं कुल 24 हाई कोर्ट में जजों के, इनमें 398 पद खाली हैं
84,000 केस लंबित हैं सुप्रीम कोर्ट में
38लाख केस लंबित उच्च न्यायालयों में
03 करोड़ के करीब केस लंबित हैं निचली अदालतों में

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