याचिका का विरोध करते हुए केंद्र ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था। एनजीओ पीपुल्स यूनियन ऑफ सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल), जम्मू और कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन और हस्तक्षेपकर्ता ने मामले को बड़ी पीठ के पास भेजने के लिए कहा है। उन्होंने यह मांग सर्वोच्च अदालत के दो फैसले के आधार पर की है।