scriptSC ने शहाबुद्दीन को दिया नोटिस, पूछाः क्यों ना जमानत रद्द कर दी जाए | Supreme court denies to cancel bail, gives notice, ask why he should get bail | Patrika News

SC ने शहाबुद्दीन को दिया नोटिस, पूछाः क्यों ना जमानत रद्द कर दी जाए

Published: Sep 19, 2016 02:39:00 pm

Submitted by:

Rakesh Mishra

यायमूर्ति पिनाकी चंद्रघोष की दो सदस्यीय पीठ ने चंदा बाबू और बिहार सरकार
की याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई के बाद शहाबुद्दीन नोटिस जारी किया

nitish kumar,visits madhya pradesh,barwani,nasha m

nitish kumar,visits madhya pradesh,barwani,nasha mukti abhiyan,comment narendra modi,shivraj singh chouhan,Mohammad Shahabuddin

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बिहार के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को जमानत पर रिहा किए जाने के खिलाफ याचिकाओं पर नोटिस जारी करके पूर्व सांसद से आज पूछा कि क्यों न उसकी जमानत रद्द कर दी जाए। न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्रघोष की दो सदस्यीय पीठ ने चंदा बाबू और बिहार सरकार की याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई के बाद शहाबुद्दीन नोटिस जारी किया। न्यायालय ने शहाबुद्दीन से पूछा है कि क्यों न उसकी जमानत रद्द कर दी जाए। मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी। चंदा बाबू ने शहाबुद्दीन को जमानत दिए जाने को चुनौती दी है जबकि बिहार सरकार ने बाहुबली नेता की जमानत पर रोक लगाने की मांग की है।

इससे पहले शहाबुद्दीन ने इन याचिकाओं पर कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट उनकी जमानत रद्द करता है तो वो जेल जाने को तैयार हैं। शहाबुद्दीन ने खुद को कानून और न्यायपालिका का सम्मान करने वाला इंसान बताया। गौरतलब है कि चंद्रकेश्वर प्रसाद के तीन बेटों की हत्या के पीछे कथित तौर पर शहाबुद्दीन का हाथ बताया जा रहा है। उधर सीवान प्रशासन ने भी बिहार सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शहाबुद्दीन के जेल से लौटने के बाद से सीवान में दहशत का माहौल है।

शहाबुद्दीन ने कहा था, ये कोर्ट का मामला है। कोर्ट ने ही मुझे जमानत दी है। अगर कोर्ट मुझे दोबारा जेल जाने के लिए कहता है तो मैं तैयार हूं। ये मेरे लिए मुद्दा नहीं है। आखिर क्यों नहीं मैं जेल जाऊंगा। मैं कानून का पालन करने वाला देश का नागरिक हूं।

जेल से लड़ा था चुनाव
1999 में एक सीपीआई कार्यकर्ता के अपहरण और संदिग्ध हत्या के मामले में शहाबुद्दीन को लोकसभा 2004 के चुनाव से आठ माह पहले गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन चुनाव आते ही शहाबुद्दीन ने मेडीकल के आधार पर अस्पताल में शिफ्ट होने का इंतजाम कर लिया। अस्पताल का एक पूरा फ्लोर उनके लिए रखा गया था, जहां वह लोगों से मिलता था, बैठकें करता था। चुनाव तैयारी की समीक्षा करता था। वहीं से फोन पर वह अधिकारियों, नेताओं को कहकर लोगों के काम कराता था। अस्पताल के उस फ्लोर पर शहाबुद्दीन की सुरक्षा का भारी इंतजाम भी था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो