पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी गौरतलब है कि सात वर्षीय प्रद्युम्न की 8 सितंबर को गुरुग्राम के भोंडसी इलाके में सोहना रोड स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के शौचालय में गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद उसके पिता वरुण चंद्र ठाकुर इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय गए। ठाकुर के वकील सुशील टेकरीवाल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल सीबीएसई का हलफनामा बताता है कि स्कूल प्रबंधन परिसर में बच्चों को बुनियादी सुविधाएं देने में विफल रहा है। सीबीआई ने इस मामले में 11वीं के एक छात्र को आरोपी बनाया था।
स्कूल में थीं कई खामियां रेयाल इंटरनेशनल स्कूल में प्रद्युमन ही हत्या के दौरान कई खामियां पाई गईं थी। स्कूल में कई सीसीटीवी कैमरे खराब पाए गए थे। इसके साथ स्कूल में प्राथमिक उपचार के नाम पर कुछ भी नहीं था। स्कूल प्रबंधन पर अभिभावकों का आरोप था कि उन्होंने समय रहते छात्र को उपचार नहीं दिया। इसके साथ हत्यारों को भागने का मौका दिया। टायलेट के आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं होने के कारण हत्यारे को भागने में मदद मिली थी। इस मामले में पहले पुलिस ने बस कंडक्टर को मुख्य आरोपी बनाया गया था। मगर बाद में विरोध प्रदर्शन के बाद यह केस सीबीआई के हाथ में चला गया। सीबीआई की जांच में 11 वीं के छात्र को हत्या का आरोपी बनाया गया। छात्र का कहना था कि उसने पीटीएम मीटिंग रोकने के लिए प्रद्युम्न की हत्या कर दी थी।