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सुप्रीम कोर्ट में आधार कार्ड मामले की सुनवाई पूरी, पांच जजों की संविधान पीठ जल्द सुनाएगी फैसला

locationनई दिल्लीPublished: May 10, 2018 07:01:23 pm

Submitted by:

Prashant Jha

गौरतलब है कि आधार से निजता का उल्लंघन होता है या नहीं इस मामले पर संविधान पीठ जल्द ही फैसला देगी।

Aadhar Card, Supreme court
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड की अनिवार्यता और इससे संबंधित 2016 के कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली है। इस पर शीर्ष अदालत जल्द ही अपना फैसला सुनाएगी। करीब 38 दिनों तक इस मामले पर मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनवाई की। पीठ ने गुरुवार को सभी संबंधित पक्षकारों को इस मामले में तत्काल लिखित दलीलें पेश करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि आधार से निजता का उल्लंघन होता है या नहीं इस मामले पर संविधान पीठ फैसला देगी । इन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल और विभिन्न पक्षकारों की ओर से कपिल सिब्बल , पी चिदंबरम, राकेश द्विवेदी, श्याम दीवान और अरविंद दातार जैसे वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की।
मोबाइल को आधार से लिंक कराने पर SC की टिप्पणी

आधार पर फैसला आने तक सभी केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं में आधार की अनिवार्यता पर रोक लगाई गई है। इनमें मोबाइल सिम और बैंक खाते भी शामिल हैं। गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल को आधार से लिंक कराने पर भी अहम टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि उसने कभी भी मोबाइल नंबर को आधार से लिंक कराने का फैसला नहीं दिया है। बल्कि सरकार ने उसके आदेश की गलत व्याख्या की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि जब तक कोर्ट इस मामले पर कोई आखिरी फैसला नहीं ले लेता है तब तक सिम कार्ड के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है।
राष्ट्रहित और निजता के अधिकार के बीच बैलेंस जरूरी

वहीं इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था, “राष्ट्रहित और निजता के अधिकार के बीच बैलेंस होना जरूरी है। हम आतंकवाद और हवाला के वक्त में जी रहे हैं, इसलिए निजता पर बैलेंस बनाना जरूरी है। ये बात उस वक्त की गई थी जब याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने कहा कि आधार सिर्फ नागरिकों की इलेक्टॉनिक मैपिंग है और ऐसा दुनिया में कहीं नहीं होता। नागरिकों को बिना सरकार की नजर में आए रहने का अधिकार है।

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