दरअसल अब कोर्ट की ओर से जारी नोटिस या समन को सोशल नेटवर्किंग साइटस वाट्सएप्प ( WhatsApp ) और टेलीग्राम ( Telegram ) के जरिए भेजा जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने शुक्रवार को इसकी इजाजत दे दी है। दरअसल कोरोना संकट के चलते कई सेवाएं प्रभावित हैं ऐसे में डाक सेवा पर भी असर पड़ा है। इसी को ध्यान में रखते हुए और डिजिटल युग को आगे बढ़ाते हुए ये फैसला लिया गया है।
इस तरह सुनिश्चित होगा कि नोटिस रिसीव हुआ
सर्वोच्च न्यायालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दो ब्लू टिक ये सुनिश्चित करेंगे कि रिसीवर ने नोटिस देख लिया है या नहीं। इसी तरह जिनके एक टिक होगा, उन्हें समन प्राप्त नहीं हुआ ऐसा माना जाएगा।
आपको बता दें कि व्हाट्सएप के जरिए भेजे गए लीगल नोटिस या समन वैध कानूनी सबूत हैं। मैसेजिंग एप पर नीले टिक इस बात का प्रमाण हैं कि भेजे गए संदेश को प्राप्त कर लिया गया है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने व्हाट्सएप से पीडीएफ फाइल ( PDF File ) के रूप में भेजे गए नोटिस को वैध माना है। वहीं रिकॉर्ड के लिए मेल पर भी समन भेजना जरूरी होगा।
सस्ती हो गई शराब, सरकार ने घटाई स्पेशल कोरोना फीस, जानें अब कीमतों में हुआ कितना फायदा आरबीआई को दी इजाजतसुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य मामले की सुनवाई में लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए चेक की वैधता को बढ़ाने के लिए आरबीआई को अनुमति दी है।
कोर्ट ने कहा है कि आरबीआई इस संबंध में उचित आदेश पारित कर सकता है। दरअसल कोरोना वायरस से बचाव के चलते पिछले तीन महीने से लॉकडाउन जारी है।
सुशांत सिंह राजपूत केस में आया नया मोड़, बीजेपी सांसद ने उठाया बड़ा कदम, अब लोग कर रहे तारीफ ऐसे में कई इलाकों में बैंक सेवा भी प्रभावित हुई है। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी चैक से लेनदेन करने वाले व्यापारियों को हुई है। यही वजह है कि कोर्ट ने चैक की वैधता बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।