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Corona Warriors की सैलरी काटने पर Supreme Court सख्त, केन्द्र सरकार से कहा- धृतराष्ट्र मत बनिए

Published: Jul 31, 2020 04:00:40 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

कोरोना वॉरियर्स (corona Warriors) की समस्याओं को लेकर SC ने केन्द्र सरकार (C entral Government ) को लगाई फटकार
कोर्ट ने सरकार से कहा- आपके पास सुविधाएं और अधिकार हैं, धृतराष्ट्र न बनें

Supreme Court Hearing on Corona Warriors Issue Plea

सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को लगाई फटकार।

नई दिल्ली। इस समय पूरे देश में कोरोना वायरस (coronavirus in India ) का कहर जारी है। वहीं, इस महामारी (COVID-19) को शिकस्त देने के लिए काफी संख्या कोरोना वॉरियर्स ( Corona Warriors ) दिन रात जंग लड़ रहे हैं। लेकिन, कई जगहों पर कोरोना वॉरियर्स के खिलाफ इंसाफ नहीं हो रहा है। इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई। कोर्ट ने केन्द्र सरकार (Central Government) को जमकर फटकार लगाई। साथ ही कहा कि धृतराष्ट्र मत बनिए।
केन्द्र सरकार को SC से फटकार

दरअसल, कोरोना वॉरियर्स ( corona warriors ) की सैलरी (Salary) काटने और क्वारंटाइन ( Quarantine ) होने के दौरान सैलरी न देने पर सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने नारजगी जाहिए कहते हुए सरकार से कहा कि आप असहाय नहीं है। कोर्ट ने कहा कि कोरोना वॉरियर्स ( corona warriors ) को टाइम पर सैलरी दें। कोर्ट ने दिशा-निर्देश भी जारी किया है। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा कि चार राज्यों में अभी तक यह लागू नहीं हुआ है। केन्द्र के इस बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको शक्तियां मिली हुई हैं, इसका पालन करवाएं। जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि आप असहाय नहीं है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court on corona Warriors) ने सरकार से कहा कि डीएम एक्ट ( DM Act ) के तहत जो आपको शक्तियां मिली हैं, उनका पालन करवाएं। कोर्ट ने सरकार से कहा कि धृतराष्ट्र मत बनिए, आँखें खोलिए। हमारे आदेश के बावजूद इस तरह की हरकत ठीक नहीं है।
कोरोना वॉरियर्स को समय पर मिले सैलरी- SC

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में कोरोना संकट ( COVID-19 Crisis ) के बीच स्वास्थ्यकर्मियों के सैलरी काटे जाने और अन्य समस्याओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिक दायर की गई थी। याचिकाकर्ता कहना था कि क्वारंटाइन के दौरान उन्हें छु्ट्टी पर माना जा रहा है और उनकी सैलरी काटी जा रही है। सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ( Tushar Mehta ) ने कहा कि क्वारंटाइन को छुट्टी की तरह नहीं ट्रीट किया जा सकता । उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होगी। यहां आपको बता दें कि जब से देश में कोरोना वायरस ( Coronavirus in india a ) का आगमन हुआ है तब से डॉक्टर्स और हॉस्पिटल स्टाफ फ्रंटलाइन वॉरियर्स हैं। ऐसे में कई जगहों से खबरें आई कि डॉक्टर्स और हॉस्पिटल स्टाफ की सैलरी काटी जा रही है। जिसका काफी विरोध भी हुआ है। इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने साफ कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कर्मचारियों को टाइम पर सैलरी मिले।
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