नमाज पढ़ने की भी मांग
अदालत में दायर इस याचिका में महिलाओं के मौलिक अधिकारों के हनन का हवाला देते हुए ‘मस्जिद में महिलाओं का प्रवेश वर्जित’ को गैरकानूनी करार देने की मांग की गई है। साथ ही मस्जिद में न सिर्फ महिलाओं के प्रवेश बल्कि नमाज पढ़ने की भी इजाजत की मांग रखी गई है। अब अदालत ने देश की कई संस्थाओं को नोटिस भेज इसपर जवाब मांगा है।
‘इमाम’ के रूप में भी हो नियुक्त
आपको बता दें कि इससे पहले भी सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को अनुमति मिलने के बाद भी इस संबंध में मांग उठी थी। उस वक्त केरल की एक मुस्लिम महिला अधिकार संगठन ने देशभर की मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश के अधिकार की बात कही थी। प्रगतिशील महिला मंच ने जल्द ही सुप्रीम कोर्ट रुख करने का दावा किया था। इस संगठन का दावा था कि वे न सिर्फ महिलाओं के मस्जिद में नमाज पढ़ने की मांग करेंगे बल्कि वे उन्हें ‘इमाम’ के रूप में भी नियुक्त किए जाने के लिए संघर्ष करेगा। आपको बता दें कि इसके अलावा तीन तलाक के खिलाफ बिल और हलाला निकाह पर भी प्रतिबंध की बातचीत पहले से चल रही है। भाजपा ने अपने संकल्पपत्र में भी इन मुद्दों पर जोर दिया है।