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केरल लव जिहाद केस: कौन सा कानून अपराधी से मोहब्बत करने से रोकता है ?

Published: Oct 30, 2017 01:59:32 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

सुप्रीम कोर्ट नेकेरल लव जिहाद केस की जांच कर रही एनआईए से पूछा कि क्या देश में कोई ऐसा कानून है जो किसी अपराधी से मोहब्बत करने से रोक सके?

Kerala love jihad
नई दिल्ली। केरल लव जिहाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमावर को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि अगर लड़की बालिग हैं तो ऐसे मामले में उनकी रजामंदी सबसे अधिक मायने रखती है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के फैसले पर आश्चर्य जताते हुए पूछा था कि धर्म परिवर्तन कर निकाह करने वाली हदिया की शादी कोई रद्द कैसे कर सकता है।

अपराधी से मोहब्बत करने से कौन रोक सकता है
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रही एनआईए से पूछा कि क्या देश में कोई ऐसा कानून है जो किसी अपराधी से मोहब्बत करने से रोक सकता है। इससे पहले एनआईए ने कोर्ट से कहा था कि हदिया को बहका कर शादी करने वाला एक अपराधी है। उसने लड़की को इतना बरगलाया कि वह सही और गलत का फैसला नहीं कर सकी और धर्म परिवर्तन कर शादी कर ली। एनआईए ने कोर्ट ने कहा है कि हदिया से पूछताछ की कोशिश की जा रही है लेकिन हदिया के पिता कहना है कि वो इसके लिए तैयार नहीं है।

27 नवंबर को ओपन कोर्ट में अगली सुनवाई
कैमरे के सामने सुनवाई वाली पिता की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्च मे कहा मामले की सुनवाई ओपन कोर्ट में ही होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने अखिला उर्फ हदिया के पिता को आदेश दिया कि अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी और उस दिन हदिया को भी कोर्ट में पेश करें।

हिंदू लड़की ने मुस्लिम लड़के से की शादी
दरअसल 24 साल की लड़की अखिला ने अपने परिवार के खिलाफ धर्म बदल कर मुस्लिम लड़के शफीजहां से शादी कर ली थी। शादी से नाराज लड़की के पिता इस मामले को लेकर केरल हाईकोर्ट पहुंचे थे।

हाईकोर्ट ने कहा- लव जिहाद
केरल हाईकोर्ट ने पिता पक्ष में फैसला सुनाते हुए शादी कैंसिल कर दी थी। जिसके बाद इस फैसल के खिलाफ हदिया के पति ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर न्याय की मांग की।
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