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Child Porn Sites रोकें, इस पर कोई ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’ नहीं: SC

Published: Feb 26, 2016 01:09:00 pm

कोर्ट ने कहा कि देश Child Pornography के मुद्दे पर Freedom of Speech जैसा कोई एक्सपेरिमेंट नहीं कर सकता

Supreme Court

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार अब Child Pornography पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है। शुक्रवार को Child Pornography मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश इस मुद्दे पर Freedom of Speech जैसा कोई एक्सपेरिमेंट नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा कि बच्चों को चाइल्ड पोर्नोग्राफी के दर्द से रोकना बेहद जरूरी है। केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वो जल्द ही एक स्कीम कोर्ट के सामने पेश करेगी जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी वाली वेबसाइट्स को ब्लॉक किए जाने वाली स्कीम की जानकारी दी जाएगी।

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20 मार्च को होगी अगली सुनवाई-
गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में भारत सरकार ने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को पोर्न कंटेंट वाली 857 वेबसाइट की लिस्ट सौंपी थी। कोर्ट ने सरकार को ऑर्डर दिया था कि अगली सुनवाई पर वह इस मुद्दे पर एक एफिडेविट फाइल करे। अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी।

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अगर विदेशों में ऐसी साइटों पर रोक लग सकती है तो भारत में क्यों नहीं?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पोर्न वेबसाइटें खासकर बच्चों से जुड़ी वेबसाइटें भारत में बच्चों को पोर्नोग्राफी की तरफ ढकेल रही हैं। कोर्ट ने पूछा था कि अगर विदेशों में ऐसी साइटों पर रोक लग सकती है तो भारत में क्यों नहीं? इन पर कंट्रोल की जरूरत है।

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चाइल्ड पोर्नोग्राफी वेबसाइट्स को ब्लॉक करने की जरूरत-
इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को पोर्न वेबसाइट्स और खासतौर से Child Pornography वेबसाइट्स को ब्लॉक करने के लिए तेजी से काम करने को कहा था। तब सरकार की ओर से कहा गया था कि ऐसी वेबसाइटों के सर्वर विदेशों में होने की वजह से वो इन्हें कंट्रोल नहीं किया जा सकता।
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