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हलाला और बहुविवाह की जल्द सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट की मनाही

Published: Apr 16, 2018 02:08:33 pm

Submitted by:

Kiran Rautela

सुप्रीम कोर्ट ने बहुविवाह और हलाला पर जल्द सुनवाई करने से मना कर दिया है।

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नई दिल्ली। बहुविवाह और हलाला मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बहुविवाह और हलाला पर जल्द सुनवाई करने से मना कर दिया है।

बता दें कि याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि जिस तरह से तीन तलाक मामले पर सुनवाई हुई थी वैसे ही बहुविवाह और हलाला मामले पर भी सुनवाई हो लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर विराम लगाते हुए जल्द सुनवाई पर मनाही कर दी है।
क्या कहा गया याचिका में

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में बहुविवाह और हलाला को असंवैधानिक करार देने की मांग की गई है। साथ कहा कहा गया है कि जहां बहुविवाह आईपीसी की धारा 494 के तहत एक अपराध है वहीं हलाला धारा 375 के तहत बलात्कार में आता है। साथ ही याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि 1860 के प्रावधान सभी भारतीय नागरिकों पर बराबरी से लागू हों। देश के सभी नागरिक समान हैं और उन्हें समान अधिकार मिलने चाहिए। फिर चाहे वो हिंदू हो ये मुस्लिम।
याचिकाकर्ता ने दायर याचिका में यह भी विस्तार से बताया कि कुरान में बहुविवाह की इजाजत इसलिए दी गई है ताकि उन महिलाओं और बच्चों की स्थिति सुधर सके जिनका कोई सहारा नहीं है। लेकिन आज के कई मुस्लिम लोगों ने इसे एक से अधिक महिलाओं से शादी का अधिकार मान लिया है।
दिल्ली के जसोला विहार में रहने वाली समीना बेगम ने निकाह हलाला और बहुविवाह को मान्यता देने वाली मुस्लिम पर्सनल एप्लीकेशन एक्ट 1937 की धारा-2 को चुनौती दी है। जो खुद इसकी शिकार है। समीना के अनुसार, हलाला और बहुविवाह को असंवैधानिक और गैर-कानूनी घोषित किया जाना चाहिए।
निकाह हलाला और बहु विवाह पर होनी थी सुनवाई

बता दें कि तीन तलाक के बाद अब सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच निकाह हलाला और बहु विवाह समेत 4 तरह के निकाहों पर सुनवाई होनी थी। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला बेहद अहम था क्योंकि इसमें तय होना था कि ये वैध हैं या अवैध। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जल्द सुनवाई पर स्टे लगा दिया है।
क्या है हलाला

इस बीच हलाला को लेकर कई लोगों ने सवाल किए कि आखिर ये हलाला होता क्या है? अगर पति-पत्नी में तलाक हो जाए और इस बीच पति वापस अपनी पत्नी के पास आना चाहे तो पत्नी को किसी दूसरे आदमी से शादी करके शारीरिक संबंध स्थापित करने होंगे। उसके बाद महिला को उस आदमी से तलाक लेना होगा फिर दोबारा से पुराना पति उससे शादी करेगा।
क्या है बहुविवाह

बहुविवाह का चलन खासकर इस्लामिक प्रथा में है। इस प्रथा में किसी मुस्लिम को 4 शादी करने की इजाजत होती है।

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