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SC ने देश का नाम ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ करने वाली याचिका की खारिज, चीफ जस्टिस बोले- सरकार के पास जाएं

Published: Jun 03, 2020 06:55:40 pm

Supreme Court ने संविधान में देश का नाम India की जगह Bharat करने वाली याचिका की खारिज
Chief Justice बोले- पहले से ही संविधान में देश का नाम भारत लिखा है
अपनी ये याचिका सरकार के समक्ष पेश करें

Supreme Court Reject Plea remove Replace India name to bharat in Constitution

इंडिया नाम की जगह भारत करने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ( Supreme Court ) ने देश के अंग्रेजी नाम ‘इंडिया’ ( India ) की जगह सिर्फ ‘भारत’ ( Bharat ) या हिंदुस्तान ( Hindustan ) करने संबंधी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश ( Chief Justice ) शरद अरविंद बोबड़े ( SA bobde ), न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वे अपनी बात सरकार के समक्ष रखें।
याचिकाकर्ता नमः ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि देश के अंग्रेजी नाम इंडिया को हटाकर भारत या फिर हिन्दुस्तान कर दिया जाए। इस मामले पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता नमः के वकील अश्विन वैश्य की दलीलें सुनने के बाद जजों ने कहा कि याचिकाकर्ता अपना ज्ञापन सरकार को दें।
वकील ने रखी ये दलील
सर्वोच्च अदालत में सुनवाई की शुरुआत में याचिकाकर्ता के वकील ने ये दलील रखी कि इंडिया नाम ग्रीक शब्द ‘इंडिका’ से निकला है। इसके जवाब में चीफ जस्टिस ने कहा याचिकाकर्ता कोर्ट में क्यों आए हैं क्योंकि संविधान ( Constitution ) में पहले से ही देश का नाम भारत लिखा है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमारे संविधान में पहले से ही लिखा गया है कि इंडिया दैट इज भारत ( इंडिया जो भारत है ) ऐसे में याचिकाकर्ता को क्या समस्या है।

इस पर वकील ने दलील दी कि सदियों से भारत और भारत माता की जय बोला जाता रहा है। याचिकाकर्ता ने इंडिया शब्द को औपनिवेशिक और गुलामी का प्रतीक बताते हुए संविधान के अनुच्छेद एक में संशोधन करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया।
वकील ने कहा कि इंडिया की जगह भारत नामकरण से देश में एक राष्ट्रीय भावना पैदा होगी। इतना ही नहीं याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में 15 नवंबर 1948 को हुए संविधान के मसौदे का भी जिक्र किया।
ऐसे पड़ा इंडिया नाम
महाराज भरत ने भारत का संपूर्ण विस्तार किया था और उनके नाम पर ही इस देश का नाम भारत पड़ा। मध्य युग में तब तुर्क और ईरानी यहां आए तो उन्होंने सिंधु घाटी से प्रवेश किया। वो स का उच्चारण ह करते थे और इस सिंधु का अपभ्रंश हिंदू हो गया। हिंदुओं के देश को हिंदुस्तान का नाम मिला।
लेकिन इसके बाद जब अंग्रेज भारत आए तो उन्होंने सिंधु घाटी यानी इंडस वैली की वजह से देश का नाम इंडिया रख दिया। दरअसल अंग्रेजों भारत या हिंदुस्तान का उच्चारण करने में दिक्कत होती थी। तब से भारत को इंडिया के नाम से भी पहचाना जाने लगा।
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